क्या महाराष्ट्र सरकार का लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को नियंत्रित करने का फैसला सही है? : केएस ईश्वरप्पा

सारांश
Key Takeaways
- महाराष्ट्र सरकार ने 1,500+ लाउडस्पीकर हटाए।
- ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन।
- कर्नाटक में भी ऐसे कदम उठाने का सुझाव।
- कांग्रेस पार्टी के आलाकमान को स्पष्ट निर्णय लेने की आवश्यकता।
- आरएसएस पर की गई टिप्पणियों का राजनीतिक महत्व।
कलबुर्गी, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार ने ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से मुंबई में 1,500 से अधिक लाउडस्पीकर हटा दिए हैं। इस निर्णय पर सियासी बहस तेज हो गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भी ऐसे ही कदम उठाए जाने चाहिए।
ईश्वरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर संभावित बदलावों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के आलाकमान को स्पष्ट निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और मल्लिकार्जुन खड़गे की चुप्पी पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने सुझाव दिया कि यह बेहतर होगा अगर सिद्धारमैया को पूरे पांच वर्षों के लिए मुख्यमंत्री बनाए रखा जाए।
हाल ही में, आरएसएस पर मंत्री प्रियांक खड़गे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ईश्वरप्पा ने कहा कि प्रियांक को आरएसएस के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
प्रियांक खड़गे ने हाल ही में आरएसएस पर धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के खिलाफ होने का आरोप लगाया था।