क्या महाराष्ट्र में ओबीसी और मराठा समाज के हक सुरक्षित हैं? जीएसटी के फैसले का स्वागत : चंद्रशेखर बावनकुले

सारांश
Key Takeaways
- ओबीसी और मराठा समाज के अधिकारों की सुरक्षा।
- समाज में समानता सुनिश्चित करने का प्रयास।
- जीएसटी निर्णय से कमजोर वर्गों को लाभ।
- सरकार का लक्ष्य संतुलन बनाए रखना।
- सभी वर्गों के हितों की रक्षा करना।
मुंबई, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राज्य सरकार ओबीसी और मराठा समाज के बीच किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देगी।
उन्होंने आगे कहा, "मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि न तो ओबीसी समाज के साथ अन्याय होगा और न ही मराठा समाज के साथ। दोनों समुदायों के लिए बनाई गई समितियां समानांतर रूप से कार्य करेंगी।"
चंद्रशेखर बावनकुले ने स्पष्ट किया कि हर समाज को उसका हक मिलेगा। जिनके पास ओबीसी के दस्तावेज हैं, वे ओबीसी श्रेणी के लाभ प्राप्त करेंगे, जबकि जिनके पास ऐसे दस्तावेज नहीं हैं, वे मराठा समाज के लाभों से लाभान्वित होंगे। सरकार का लक्ष्य दोनों समुदायों के बीच संतुलन बनाए रखना और किसी भी समाज के साथ अन्याय न होने देना है। सरकार की प्राथमिकता सभी वर्गों के हितों की रक्षा करना और समाज में समानता सुनिश्चित करना है।
चंद्रशेखर बावनकुले ने केंद्र सरकार के हालिया जीएसटी फैसले की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "यह निर्णय आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए लाभकारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के हित में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो पूरी तरह से स्वागत योग्य है।" इस फैसले से बड़े पैमाने पर लोगों को लाभ मिलेगा।
वहीं, उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा एक आईपीएस अधिकारी को डांटने का वीडियो वायरल होने के मामले पर चंद्रशेखर बावनकुले ने संतुलित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "मुझे इस घटना की पूरी जानकारी नहीं है। यदि किसी अधिकारी को कुछ कहा गया है, तो यह संबंधित विभाग या समूह की ओर से दिया गया निर्देश हो सकता है।"
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है और न ही उनके पास इसकी पूरी जानकारी है। फिलहाल इस विषय पर किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। इस मुद्दे पर और जानकारी प्राप्त करने के बाद ही कोई टिप्पणी करेंगे।