क्या महाराष्ट्र सरकार सीवर सफाई में रोबोट का उपयोग करेगी? सिपाहियों को मुफ्त घर देने की योजना पर जल्द होगा फैसला

सारांश
Key Takeaways
- सीवर सफाई में रोबोटिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
- पुलिसकर्मियों को 20 साल की सेवा पर मुफ्त घर देने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
- महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के स्मारक का विकास होगा।
मुंबई, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ बैठक के बाद, राज्य सरकार के मंत्री संजय शिरसाट ने मीडिया से चर्चा में दो महत्वपूर्ण योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि अब सीवर सफाई में रोबोटिक मशीनों का उपयोग किया जाएगा। इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री के साथ विस्तृत चर्चा की गई है।
शिरसाट ने यह भी बताया कि इस विषय को आगामी कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने पुलिसकर्मियों के प्रति भी एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
उनका कहना था कि जो सिपाही 25 साल की सेवा पूरी करते हैं, उन्हें मुफ्त घर देने की योजना पहले से मौजूद थी, लेकिन इसका कार्यान्वयन नहीं हो सका। अब यह सुझाव दिया गया है कि 25 साल की सेवा की शर्त को घटाकर 20 साल किया जाए। इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। यदि कैबिनेट से मंजूरी मिलती है, तो योजना तुरंत लागू कर दी जाएगी, जिससे लंबे समय से सेवा दे रहे पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी।
महाराष्ट्र के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री छगन भुजबल ने पुणे में महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के ऐतिहासिक घर के आसपास के विकास और शिव भोजन थाली योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
भुजबल ने कहा, "फुले दंपति का घर, जहां वे रहते थे, वहां पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए पहुंचना मुश्किल है। आसपास के क्षेत्र में कई पुराने और जर्जर घर हैं। इन घरों को हटाकर एक बड़ा सुंदर मैदान विकसित करने की योजना है।"
उन्होंने बताया कि सावित्रीबाई फुले के नाम पर एक समग्र स्मारक बनाया जाएगा, जिसे 300 मीटर दूर स्थित समुद्र तट से जोड़ा जाएगा। इसके लिए स्थानीय निवासियों को अन्य स्थानों पर घर या विकल्प देने की कोशिश की जा रही है।
भुजबल ने कहा, "लोग स्थानांतरित होने के लिए राजी हैं। इस परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 100 करोड़ रुपये पुणे महानगरपालिका को दिए जा चुके हैं। इस कार्य को जल्द पूरा करने के लिए अजित पवार के साथ बैठक की गई है।"
शिव भोजन थाली योजना के संदर्भ में भुजबल ने कहा कि इस योजना के लिए कुछ धनराशि बिल भुगतान के लिए प्राप्त हुई है, लेकिन कुछ केंद्रों पर अनियमितताएं सामने आई हैं। कुछ लोग 100 थालियों का पैसा लेते हैं लेकिन कम थालियां परोसते हैं।
उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा, "सभी केंद्र संचालकों को ध्यान देना चाहिए कि सरकारी धन का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"