क्या महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों में जीत दर्ज करेंगे? जनता की सेवा हमारा लक्ष्य : श्रीकांत शिंदे

सारांश
Key Takeaways
- स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियाँ चल रही हैं।
- श्रीकांत शिंदे ने पार्टी की रणनीति साझा की।
- नक्सलवाद पर केंद्र सरकार की उपलब्धियाँ महत्वपूर्ण हैं।
- जनता की सेवा और विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- उद्धव और राज ठाकरे का गठबंधन जनता के लिए महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं। मुंबई महानगरपालिका, जिला परिषद, नगर पालिका और अन्य महानगर पालिकाओं के लिए जल्दी ही चुनाव तिथियों की घोषणा की जा सकती है। इस दौरान शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने निकाय चुनावों से पहले पार्टी की रणनीति और संगठनात्मक तैयारियों पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही, उन्होंने नक्सलवाद, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन और कर्नाटक में आरएसएस पर प्रतिबंध की चर्चा की।
श्रीकांत शिंदे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र और विदर्भ में लगातार बैठकें हो रही हैं। इन बैठकों में पार्टी की ताकत का आकलन और कमजोर क्षेत्रों में मेहनत बढ़ाने पर चर्चा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी हर क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए रणनीति बना रही है। हमारा मुख्य ध्यान जनता की सेवा और विकास पर है। हमारी पार्टी जनता के बीच जाकर विकास और सेवा के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नक्सलवाद के संबंध में दिए गए बयान पर श्रीकांत शिंदे ने कहा कि यह केंद्र सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। पीएम मोदी के नेतृत्व में गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए काम किया है। आज नक्सल प्रभावित जिले 11 तक सीमित हो गए हैं। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जैसे जिले, जो पहले नक्सलवाद से ग्रस्त थे, अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में स्टील हब बन रहे हैं। वहां लोगों को रोजगार मिल रहा है, जो हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन पर श्रीकांत शिंदे ने कहा कि जनता बहुत समझदार है। इन दोनों ने मराठी लोगों के लिए कुछ नहीं किया। जब इनकी सत्ता थी, तब मराठी लोग मुंबई से पलायन कर कर्जत, कासारा, कल्याण और डोंबिवली तक चले गए। अब ये मराठी अस्मिता का नाम लेकर साथ आ रहे हैं, लेकिन जनता ने हमें विधानसभा चुनाव में समर्थन दिया और वही समर्थन बीएमसी और अन्य निकाय चुनावों में भी मिलेगा।
कर्नाटक में आरएसएस पर प्रतिबंध की चर्चा पर श्रीकांत शिंदे ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा वोट बैंक की राजनीति की। अब जब देश में बदलाव हो रहा है, तो वे आरएसएस और हमें निशाना बना रहे हैं। यह उनकी हताशा दर्शाता है।