क्या महाराष्ट्र विधानसभा ने ट्रस्ट-बेस्ड गवर्नेंस को बढ़ाने के लिए बिल पारित किया?

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क्या महाराष्ट्र विधानसभा ने ट्रस्ट-बेस्ड गवर्नेंस को बढ़ाने के लिए बिल पारित किया?

सारांश

महाराष्ट्र विधानसभा ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया है, जिसका उद्देश्य राज्य में रहन-सहन और व्यवसाय को सरल बनाना है। यह विधेयक ट्रस्ट-बेस्ड गवर्नेंस को सुदृढ़ करने तथा विभिन्न कानूनों के तहत कुछ अपराधों को तर्कसंगत बनाने का प्रयास करता है। जानें इस विधेयक के प्रमुख प्रावधान।

Key Takeaways

  • महाराष्ट्र जन विश्वास एक्ट का पारित होना एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • ट्रस्ट-बेस्ड गवर्नेंस को सुदृढ़ करने का उद्देश्य।
  • छोटे उल्लंघनों के लिए सिविल पेनल्टी का प्रावधान।
  • निवेशकों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • प्रशासनिक दक्षता में सुधार की दिशा में कदम।

नागपुर, १० दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राज्य विधानसभा ने बुधवार को महाराष्ट्र जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) एक्ट, २०२५ को बिना किसी विरोध के मंजूरी दे दी। इसका उद्देश्य राज्य में निवास और व्यवसाय करने को आसान बनाना है, जिससे ट्रस्ट-बेस्ड गवर्नेंस को और सुदृढ़ किया जा सके और विभिन्न राज्य कानूनों के अंतर्गत कुछ अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाकर तर्कसंगत बनाया जा सके।

यह विधेयक सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री आशीष शेलार द्वारा प्रस्तुत किया गया।

इस विधेयक में नियमों का अनुपालन न करने पर दंडात्मक (क्रिमिनल पेनल्टी) तरीके से बदलकर ट्रस्ट और सिविल पेनल्टी आधारित बनाने का प्रस्ताव है, जिससे मुकदमेबाजी और गैर-जरूरी क्रिमिनल पेनल्टी को कम किया जा सके।

इसमें छोटे और तकनीकी उल्लंघनों के लिए जेल के प्रावधानों को सिविल पेनल्टी या जुर्माना में बदलने का प्रस्ताव है, जिससे न्यायिक और प्रवर्तन एजेंसियों को राहत मिलेगी।

विधेयक में कहा गया है, "राज्य सरकार छोटे-मोटे उल्लंघनों के लिए सजा को सिविल पेनल्टी में बदलना चाहती है, ताकि अदालतों पर बोझ कम हो और प्रशासनिक दक्षता बढ़े।" इसमें गंभीर अपराधों को बरकरार रखा गया है, जबकि छोटे-मोटे नॉन-कम्प्लायंस और प्रक्रियात्मक चूक को अपराध-मुक्त किया गया है।

विधेयक में महाराष्ट्र शॉप्स एंड एस्टैब्लिशमेंट्स (रेगुलेशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट एंड कंडीशंस ऑफ सर्विस) एक्ट, २०१७; महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल रिलेशंस एक्ट, १९४६; महाराष्ट्र स्टैम्प ड्यूटी एक्ट, १९५८; महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल एक्ट; महाराष्ट्र रिकग्निशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स एंड प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर लेबर प्रैक्टिसेस एक्ट, १९७१; महाराष्ट्र स्टेट टैक्स ऑन प्रोफेशन्स, ट्रेड्स, कॉलिंग्स एंड एम्प्लॉयमेंट्स एक्ट, १९७५ तथा महाराष्ट्र नर्सिंग होम्स रजिस्ट्रेशन एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव है।

एनसीपी (एसपी) विधायक और पूर्व वित्त मंत्री जयंत पाटिल ने विधेयक का स्वागत किया, लेकिन सरकार से उन निवेशकों की सुरक्षा के लिए एक और विधेयक पेश करने की मांग की, जिन्हें विभिन्न समूहों से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि नया कानून निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और निवेश आकर्षित करने में महाराष्ट्र की स्थिति को और मजबूत करेगा।

अपने जवाब में, मंत्री शेलार ने कहा कि सरकार निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि जन विश्वास एक्ट नागरिकों और निवेशकों के लिए व्यवसाय करने में आसानी और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विधेयक के अनुसार, विकसित महाराष्ट्र विजन का एक मुख्य हिस्सा रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में सुधार करना है, जिससे दंडात्मक और भारी-भरकम कम्प्लायंस सिस्टम को भरोसे पर आधारित सुगम गवर्नेंस मॉडल में बदला जा सके।

विधेयक में कहा गया है, "अधिक रेगुलेशन, छोटे और तकनीकी प्रकार के चूक तथा प्रक्रियात्मक नॉन-कम्प्लायंस के अपराध व्यवसाय, नागरिकों और राज्य पर भारी लागत डालते हैं।"

Point of View

यह विधेयक नागरिकों और व्यवसायियों के लिए वातावरण को अधिक अनुकूल बनाने का प्रयास कर रहा है। यह कदम प्रशासनिक सुधार और न्यायिक प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस विधेयक का उद्देश्य ट्रस्ट-बेस्ड गवर्नेंस को बढ़ावा देना और विभिन्न राज्य कानूनों के तहत कुछ अपराधों को तर्कसंगत बनाना है।
क्या छोटे उल्लंघनों के लिए जेल की सजा समाप्त हो जाएगी?
हाँ, इस विधेयक में छोटे और तकनीकी उल्लंघनों के लिए जेल की सजा को सिविल पेनल्टी या जुर्माने में बदलने का प्रस्ताव है।
इस विधेयक का समर्थन किसने किया?
एनसीपी (एसपी) विधायक जयंत पाटिल ने इस विधेयक का स्वागत किया है।
यह विधेयक निवेशकों के लिए क्या करेगा?
यह विधेयक निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और उन्हें व्यवसाय करने में आसानी प्रदान करेगा।
क्या इस विधेयक से प्रशासनिक दक्षता में सुधार होगा?
हाँ, यह विधेयक अदालतों पर बोझ कम करने और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने का प्रयास करेगा।
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