क्या महिला अधिकारी को डांटने वाला वीडियो वायरल होने पर केसी वेणुगोपाल ने अजित पवार पर हमला किया?

सारांश
Key Takeaways
- महिला अधिकारियों का सम्मान होना चाहिए।
- सत्ता का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।
- अहंकार से बचना आवश्यक है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
- राजनीतिक संवाद का स्तर ऊँचा होना चाहिए।
नई दिल्ली, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर कड़ा प्रहार किया और उन पर अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। यह विवाद तब उभरा जब एक वायरल वीडियो में अजित पवार को एक महिला अधिकारी के साथ कथित तौर पर डांटते हुए देखा गया।
केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अवैध रेत खनन पर नकेल कसने की जिम्मेदारी निभा रही आईपीएस अंजना कृष्णा से जिस अहंकारी लहजे में बात की, उससे स्पष्ट होता है कि सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्य अपनी ताकत के नशे में कितने चूर हैं।"
उन्होंने कहा, "यह इस बात का एक सटीक उदाहरण है कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों का अहंकारी रवैया कैसे नीचे तक फैल जाता है। भ्रष्ट गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए एक अधिकारी की सराहना करने के बजाय अजित पवार ने उसे फटकार लगाना और उसके प्रयासों में बाधा डालना उचित समझा।"
केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा, "उनकी (अजित पवार) सफाई भी केवल 'छवि बचाने की कोशिश' है। उन्होंने अपने असभ्य और अनुचित व्यवहार के लिए माफी तक नहीं मांगी है।"
यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें अजित पवार और महिला पुलिस अधिकारी अंजना कृष्णा के बीच तीखी बातचीत होती दिख रही है। वीडियो में पवार एक स्थानीय एनसीपी कार्यकर्ता के फोन से अधिकारी को कॉल कर अवैध खनन पर कार्रवाई रोकने का निर्देश देते नजर आए थे।
वीडियो में महिला अधिकारी फोन पर बात कर रही थीं, जिसमें सामने से बताया गया कि वे उपमुख्यमंत्री अजित पवार हैं। उन्होंने महिला अधिकारी को डांटते हुए उनके खिलाफ एक्शन लेने की बात भी कही थी। हालांकि, बाद में अजित पवार ने कहा कि उनका इरादा कानून प्रक्रिया में दखल देने का नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि स्थिति और न बिगड़े।