क्या राष्ट्रीय महिला आयोग आपके द्वार आ रहा है? 13-14 नवंबर को ग्रेटर नोएडा में दो दिवसीय महिला जनसुनवाई
सारांश
Key Takeaways
- महिला जनसुनवाई 13 और 14 नवंबर को ग्रेटर नोएडा में होगी।
- महिलाएं अपनी शिकायतें सीधे आयोग के समक्ष रख सकती हैं।
- यह कार्यक्रम महिलाओं की सुरक्षा एवं न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में है।
- डॉ. विजय रहाटकर और उनकी टीम उपस्थित रहेंगी।
- जिला प्रशासन कार्यक्रम की सफलता के लिए तैयारियों में जुटा है।
ग्रेटर नोएडा, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महिलाओं की समस्याओं का समाधान उनके निकटतम स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग एक महत्वपूर्ण पहल कर रहा है। आगामी 13 और 14 नवंबर को महिला आयोग गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के ऑडिटोरियम में एक दो दिवसीय महिला जनसुनवाई का आयोजन करेगा, जिसमें जिले और आसपास के क्षेत्रों की महिलाओं को आमंत्रित किया गया है।
जनसुनवाई प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शुरू होगी। इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी मनोज कुमार पुष्कर ने बताया कि महिलाओं की शिकायतों को सीधे आयोग के समक्ष सुना जाएगा और मौके पर ही उनके निस्तारण के लिए आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे। घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना, संपत्ति विवाद, पारिवारिक समस्याएँ, सुरक्षा मुद्दों सहित महिलाओं से जुड़ी किसी भी प्रकार की शिकायतें यहाँ दर्ज कराई जा सकती हैं।
इस जनसुनवाई में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. विजय रहाटकर खुद मौजूद रहेंगी। उनके साथ आयोग की दो अन्य सदस्य भी प्रतिभागियों की शिकायतें सुनकर अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश देंगी। आयोग का यह प्रयास महिलाओं की सुरक्षा और न्याय को त्वरित एवं सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अधिकारियों का मानना है कि अक्सर महिलाएं पुलिस स्टेशन या सरकारी कार्यालयों में अपनी शिकायतें दर्ज कराने में संकोच महसूस करती हैं, ऐसे में आयोग द्वारा आयोजित खुली जनसुनवाई महिलाओं को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करती है, जहाँ वे सीधे जिम्मेदार अधिकारियों से संवाद कर सकती हैं। जिला प्रशासन भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु तैयारी में जुटा है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अपील की है कि महिलाएं अधिक से अधिक संख्या में भाग लें, ताकि किसी भी प्रकार के उत्पीड़न, हिंसा या कानूनी समस्या का शीघ्र समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई में आए मामलों की मॉनिटरिंग की जाएगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी पीड़िता को न्याय प्राप्त करने में देरी न हो।
यह दो दिवसीय कार्यक्रम महिलाओं के अधिकारों, सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में प्रदेश स्तरीय सबसे बड़ी पहलों में से एक माना जा रहा है। प्रशासन को उम्मीद है कि बड़ी संख्या में महिलाएं पहुँचकर इस मंच का लाभ उठाएंगी।
—राष्ट्र प्रेस
पीकेटी/पीएसके