क्या एनआईए ने तेलंगाना में 21 माओवादी कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया?

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क्या एनआईए ने तेलंगाना में 21 माओवादी कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया?

सारांश

तेलंगाना में एनआईए ने 21 माओवादी कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। यह कार्यवाही विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों के संदर्भ में की गई है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और एनआईए की जांच में क्या खुलासा हुआ है।

Key Takeaways

  • एनआईए ने तेलंगाना में 21 माओवादी कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
  • आरोप पत्र में कई गंभीर धाराएं शामिल हैं, जैसे यूए(पी) अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम।
  • गिरफ्तारी के दौरान स्वचालित असॉल्ट राइफलें और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई।
  • एनआईए की जांच माओवादी संगठन की गतिविधियों को विफल करने की दिशा में है।
  • सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश की जा रही है।

नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने तेलंगाना राज्य में तीन विभिन्न आतंकवादी मामलों में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन के 21 कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक आरोप पत्र पेश किया है।

ये आरोप पत्र हैदराबाद स्थित एनआईए की विशेष अदालत में प्रस्तुत किए गए हैं, जिसमें 20 गिरफ्तार आरोपियों और एक भगोड़े के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आरोप लगाया गया है।

इन आरोपों में यूए(पी) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और बीएनएसएस की धाराएं शामिल हैं। सभी 21 आरोपी माओवादी साजिश में सक्रिय रूप से संलग्न थे, जिसे भाकपा (माओवादी) के वरिष्ठ नेताओं ने भारत सरकार के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से युद्ध छेड़ने के लिए तैयार किया था। इस साजिश का मुख्य उद्देश्य कर्रीगुट्टा पहाड़ियों को आतंकवादी संगठन के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बनाना और हिंसक हमलों के माध्यम से समूह की गतिविधियों को बढ़ावा देना था।

एनआईए की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इन माओवादी कार्यकर्ताओं का उद्देश्य एक अधिनायकवादी शासन स्थापित करना था, जिससे देश की संप्रभुता और संवैधानिक ढांचे को खतरे में डालने की कोशिश की जा रही थी।

इस वर्ष मई में तेलंगाना पुलिस ने मुलुगु जिले में तीन अलग-अलग स्थानों पर छापे मारे, जहां कई माओवादी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से स्वचालित असॉल्ट राइफलें, गोला-बारूद, विस्फोटक सामग्री, माओवादी साहित्य और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की गईं।

एनआईए अब इस मामले की जांच को अपने हाथ में लेकर भाकपा (माओवादी) के पुनः सक्रिय होने के प्रयासों को विफल करने के लिए सक्रियता से कार्य कर रही है।

इससे पहले, एनआईए ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में आतंकी साजिश से संबंधित एक महत्वपूर्ण मामले में दो आरोपियों के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया था।

एनआईए ने आंध्र प्रदेश के विजयनगरम निवासी सिराज उर रहमान और हैदराबाद निवासी सैयद समीर को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया है। दोनों को आंध्र प्रदेश पुलिस ने 16 और 17 मई 2025 को गिरफ्तार किया था।

विशाखापत्तनम स्थित एनआईए की विशेष अदालत में दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि सिराज उर रहमान और सैयद समीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों के युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे थे। उन पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और देशभर में आतंकवादी हमले करने की साजिश रचने का आरोप है।

Point of View

हमें हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी रिपोर्टिंग देश की भलाई के लिए हो। एनआईए की कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठा रही है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम सभी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ एकजुट रहें और देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
NationPress
11/11/2025

Frequently Asked Questions

एनआईए ने आरोप पत्र क्यों दायर किया?
एनआईए ने तेलंगाना में तीन अलग-अलग आतंकवादी मामलों में भाकपा (माओवादी) के 21 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है क्योंकि ये कार्यकर्ता देश की संप्रभुता और संवैधानिक ढांचे को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे थे।
क्या माओवादी संगठन का पुनः सक्रिय होना खतरे की बात है?
हां, एनआईए की जांच में यह पाया गया है कि माओवादी संगठन के वरिष्ठ नेता आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से साजिशें रच रहे हैं, जिससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
ये गिरफ्तारियाँ कब हुई थीं?
गिरफ्तारियाँ इस वर्ष मई में तेलंगाना पुलिस द्वारा की गई थीं, जब उन्होंने मुलुगु जिले में तीन अलग-अलग स्थानों पर छापे मारे।