क्या महिला ने मौत के तीन साल बाद अपनी जमीन बेची? जानिए पूरा मामला

सारांश
Key Takeaways
- सूरजपुर में एक अद्भुत फर्जीवाड़ा सामने आया है।
- मृतक महिला की जमीन को फर्जी तरीके से बेचा गया।
- धोखाधड़ी के मामले में प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
- लोकल प्रशासन को ऐसे मामलों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
सूरजपुर, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्व विभाग में भूमि से जुड़े फर्जीवाड़ों का मामला नया नहीं है। अक्सर कोई न कोई घटना सामने आती रहती है। इन मामलों में तारीखों का खेल चलता रहता है और प्रभावशाली लोगों के कारण सुनवाई नहीं होती, जिससे मामले लंबा खींचते हैं।
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे और अपने आपको सचेत करने का प्रयास करेंगे।
इस मामले में, लगभग तीन साल पूर्व मृत आदिवासी महिला की भूमि को एक अन्य जाति की महिला के माध्यम से लगभग 10 एकड़ की जमीन फर्जी आधार कार्ड बनाकर बेच दिया गया। जब इसकी जानकारी उस महिला को हुई, जो वास्तव में भूमि की देखभाल कर रही थी, तो उसके लिए यह एक बड़ा झटका था।
सूरजपुर जिले के भटगांव तहसील के सोनपुर गाँव की निवासी ऋषि बाई की 2018 में मृत्यु हो गई थी, जिसके नाम पर लगभग 10 एकड़ भूमि थी। उसके पति का नाम स्वर्गीय बलिराम जाति उरांव था। इसी का फायदा उठाकर धोखेबाजों ने बसदेई चौकी के नरेशपुर (नमाद) गाँव की बच्ची बाई को पैसे का लालच देकर उसका फर्जी आधार कार्ड बनवाया, जिसमें उसका नाम ऋषि बाई पति बलिराम जाति उरांव दर्शाया गया।
इसके बाद उक्त भूमि को श्यामा देवी पति मानसिंह जाति गोंड को बेच दी गई। श्यामा देवी बलरामपुर जिले के मितगई गाँव की निवासी हैं। जब यह जानकारी रामेश्वरी पैकरा को हुई, जो इस भूमि पर निवास करती हैं और जिनके पिता ने यह भूमि ऋषि बाई को दी थी, तो उनके लिए यह एक बड़ा सदमा था।
जब इसकी जानकारी जनपद सदस्य के पति को मिली, तो उन्होंने एसपी ऑफिस में इस फर्जीवाड़े की शिकायत की। गाँव के सरपंच ने भी इस फर्जीवाड़े की पुष्टि की है।
इस मामले पर एडिशनल एसपी संतोष महतो ने कहा कि शिकायत मिली है, जिसे करंजी चौकी में भेजा गया है। इस मामले में कानून के अनुसार जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।