क्या महिला सुरक्षा और सम्मानजनक रोजगार के लिए विधायक पल्लवी पटेल ने सड़क पर प्रदर्शन किया?

सारांश
Key Takeaways
- महिला सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- सम्मानजनक रोजगार की मांग तेज हो रही है।
- राजनीतिक सक्रियता महिलाओं का अधिकार है।
- सामाजिक न्याय की आवश्यकता है।
- सरकारों को जनगणना की तिथि घोषित करनी चाहिए।
लखनऊ, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महिला सुरक्षा, आजादी और सम्मानजनक रोजगार की माँग को लेकर सिराथू की विधायक डॉ. पल्लवी पटेल ने शनिवार को सड़क पर प्रदर्शन किया। राजधानी के बर्लिंगटन चौराहे पर अपना दल (कमेरावादी) महिला मंच के बैनर तले बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हुईं और जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने 'हर महिला को सुरक्षा और आजादीशिक्षा निशुल्क करो', 'महंगाई पर रोक लगाओ' जैसे नारे लगाए। जैसे ही जुलूस विधान भवन की ओर बढ़ा, पुलिस प्रशासन ने उसे रोक दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक और झड़प हुई। बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर बसों से इको गार्डन भेज दिया।
डॉ. पल्लवी पटेल ने कहा कि 23 अगस्त 1999 को इलाहाबाद के पीडी टंडन पार्क में अपना दल के संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल पर आवाज उठाने को लेकर लाठीचार्ज और आत्मघाती हमला हुआ था, तभी से इस दिन को दूसरी आजादी की प्रथम क्रांति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस बार आधी आबादी ने रसोई से लेकर खेत-खलिहान और शिक्षा-रोजगार के साथ ही सुरक्षा और भागीदारी की माँग उठाई है। सामाजिक न्याय और भागीदारी के बिना महिलाओं और वंचित वर्ग के हितों की रक्षा संभव नहीं है। केंद्र और प्रदेश सरकार को तत्काल जातिवार जनगणना की तिथि घोषित करनी चाहिए और आबादी के अनुपात में भागीदारी सुनिश्चित करने की ठोस नीति बनानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि किसान-श्रमिक परिवारों की महिलाएं छुट्टा जानवरों से निजात, खेती की रक्षा और सहकारी समितियों पर खाद-बीज की कालाबाजारी रोकने की भी माँग कर रही हैं।
प्रदर्शन में मौजूद कार्यकर्ताओं ने डॉ. सोनेलाल पटेल की हत्या की सीबीआई जांच की माँग भी दोहराई।