क्या महंगाई के मोर्चे पर हमें मिली है खुशखबरी? थोक मुद्रास्फीति दर अक्टूबर में -1.21 प्रतिशत!

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क्या महंगाई के मोर्चे पर हमें मिली है खुशखबरी? थोक मुद्रास्फीति दर अक्टूबर में -1.21 प्रतिशत!

सारांश

भारत में थोक मुद्रास्फीति दर अक्टूबर में -1.21 प्रतिशत तक गिर गई है, जो कि सितंबर में 0.13 प्रतिशत थी। यह गिरावट खाद्य उत्पादों और अन्य वस्तुओं की कीमतों में कमी के कारण हुई है। जानें इस बदलाव का अर्थ क्या है और कैसे यह आम आदमी को प्रभावित कर सकता है।

Key Takeaways

  • थोक मुद्रास्फीति दर अक्टूबर में -1.21 प्रतिशत पहुंची।
  • खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी आई।
  • ईंधन और ऊर्जा में महंगाई दर 1.12 प्रतिशत रही।
  • खुदरा महंगाई दर रिकॉर्ड 0.25 प्रतिशत पर पहुंची।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर में गिरावट।

नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में थोक मुद्रास्फीति दर या महंगाई दर अक्टूबर में घटकर -1.21 प्रतिशत हो गई है, जो कि सितंबर में 0.13 प्रतिशत थी। यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को साझा की।

अक्टूबर में थोक महंगाई दर के नकारात्मक क्षेत्र में रहने का कारण खाद्य उत्पादों, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, इलेक्ट्रिसिटी और मिनरल ऑयल जैसी वस्तुओं की कीमतों में कमी आना है।

पिछले महीने खाद्य उत्पादों में थोक महंगाई दर -5.04 प्रतिशत रही, जब कि सितंबर में यह -1.99 प्रतिशत थी। यह दर्शाता है कि थोक उत्पादों की कीमतें पिछले वर्ष की तुलना में कम हुई हैं।

वहीं, ईंधन और ऊर्जा में थोक महंगाई दर अक्टूबर में 1.12 प्रतिशत रही है।

मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों में थोक महंगाई दर अक्टूबर में -0.07 प्रतिशत रही है। 22 श्रेणियों में से सात में कीमतों में गिरावट आई है, जिनमें केमिकल्स, बेसिक मेटल और मोटर वाहन शामिल हैं। दूसरी ओर, कपड़ा, खाद्य उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और विद्युत उपकरण जैसी 11 श्रेणियों में कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई।

इससे पहले बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में रिकॉर्ड 0.25 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुँच गई है, जो कि सितंबर में 1.44 प्रतिशत थी। यह मौजूदा सीपीआई सीरीज में सबसे कम महंगाई दर है।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी डेटा से पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर अक्टूबर में -0.25 प्रतिशत रही है, जबकि सितंबर में यह 1.07 प्रतिशत थी। शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर 0.88 प्रतिशत रही है, जो सितंबर में 1.83 प्रतिशत थी।

खाद्य महंगाई दर अक्टूबर में -5.02 प्रतिशत रही है, जो दर्शाता है कि खाद्य उत्पादों की कीमतें सालाना आधार पर कम हुई हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य महंगाई दर अक्टूबर में -4.85 प्रतिशत रही है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह -5.18 प्रतिशत है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि महंगाई की दर में कमी हमारे देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल आर्थिक स्थिरता का संकेत है, बल्कि आम आदमी के जीवन में भी सुधार लाने की संभावना दिखाता है। सरकार को इस मौके का सही इस्तेमाल करना चाहिए।
NationPress
14/11/2025

Frequently Asked Questions

थोक मुद्रास्फीति दर क्या होती है?
थोक मुद्रास्फीति दर, थोक स्तर पर वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि या गिरावट को दर्शाती है।
महंगाई दर में कमी का अर्थ क्या है?
महंगाई दर में कमी का अर्थ है कि उपभोक्ताओं को सामान खरीदने में कम खर्च करना पड़ेगा।
खाद्य महंगाई दर में गिरावट क्यों आई है?
खाद्य महंगाई दर में गिरावट का मुख्य कारण खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी है।
क्या यह कमी स्थायी है?
यह कहना मुश्किल है, लेकिन यदि कीमतें स्थिर रहती हैं तो यह एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।
महंगाई पर सरकार का क्या कदम होना चाहिए?
सरकार को इस गिरावट का सही लाभ उठाना चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए।