क्या मैं बिहार का बेटा और सेवक, नायक बनने की इच्छा नहीं? तेजस्वी के पोस्टर पर पप्पू यादव का जवाब
सारांश
Key Takeaways
- पप्पू यादव ने नायक बनने की इच्छा से इनकार किया है।
- उन्होंने पीएम मोदी और चिराग पासवान के बयानों का जवाब दिया।
- राजनीति में सेवा और समर्पण की आवश्यकता को बताया।
- राजीव गांधी के योगदान पर भी चर्चा की।
- दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए समावेशी प्रतिनिधित्व की आवश्यकता।
पटना, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें ‘नायक’ बनने की कोई इच्छा नहीं है, बल्कि वे बिहार के बेटा और सेवक के रूप में संतुष्ट हैं। इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बयानों का भी जवाब दिया।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए पप्पू यादव ने कहा, “मैं बिहार का बेटा हूं, सेवक हूं और बेटा व सेवक ही रहूंगा। मुझे नायक बनने की कोई इच्छा नहीं है।” यह बयान शनिवार को पटना में राजद कार्यालय के बाहर लगे एक पोस्टर के संदर्भ में आया, जिसमें तेजस्वी यादव की तस्वीर के साथ ‘बिहार का नायक’ लिखा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समस्तीपुर रैली में ‘लालटेन’ के उल्लेख पर पप्पू यादव ने तंज कसते हुए कहा, “क्या पीएम को पता है कि १९८५ में भारत में कंप्यूटर कौन लाया था?” उन्होंने बताया कि राजीव गांधी के नेतृत्व में कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर अमेरिका से लाए गए थे।
उन्होंने आगे कहा कि आज हमारे बच्चे पूरी दुनिया के लिए रील बना रहे हैं, लेकिन इसमें भाजपा और सरकार की कोई भूमिका नहीं है। रील के लिए पैसा अमेरिका से आ रहा है, भारत की इसमें कोई भागीदारी नहीं है। एनडीए और भाजपा केवल झूठ और खोखली बयानबाजी फैला रहे हैं।
पप्पू यादव ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के उस सोशल मीडिया पोस्ट पर भी पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि २००५ में उनके पिता स्व. रामविलास पासवान ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी। चिराग ने यह भी कहा था कि बंधुआ वोट बैंक बनकर सम्मान और भागीदारी नहीं मिलेगी।
इस पर पप्पू यादव ने कहा, “लगता है चिराग पासवान को कुछ पता नहीं है। इस देश में विभिन्न राज्यों में सबसे पहले दलित मुख्यमंत्री कांग्रेस ने नियुक्त किए थे। हमारे नेता राहुल गांधी दलितों और अल्पसंख्यकों को उपमुख्यमंत्री नियुक्त करेंगे, ताकि समावेशी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो।”