क्या सुधाकर चतुर्वेदी का मालेगांव ब्लास्ट में निर्दोष साबित होने पर राष्ट्र प्रथम संगठन ने किया सम्मान?

सारांश
Key Takeaways
- सुधाकर चतुर्वेदी का सम्मान सत्य और न्याय की विजय का प्रतीक है।
- राजनीतिक षड्यंत्र के खिलाफ आवाज उठाना महत्वपूर्ण है।
- स्थानीय नागरिकों की भागीदारी ने समारोह को और भी खास बनाया।
वसई, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वर्षों तक मानसिक, सामाजिक और कानूनी उत्पीड़न सहने वाले धर्मनिष्ठ और राष्ट्रभक्त सुधाकर चतुर्वेदी को सम्मानित करने के लिए राष्ट्र प्रथम संगठन ने एक भव्य समारोह का आयोजन किया। यह कार्यक्रम वसई (पूर्व) स्थित ग्राम देवी मंदिर, सातिवली तालाब के निकट आयोजित किया गया, जहाँ बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत जोरदार आतिशबाजी के साथ सुधाकर चतुर्वेदी के स्वागत से हुई।
इस आयोजन के मुख्य संयोजक एवं राष्ट्र प्रथम के संस्थापक शिवकुमार पांडेय ने इस मौके पर चतुर्वेदी की सत्यनिष्ठा, साहस और वर्षों की संघर्षशील यात्रा को नमन करते हुए उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया।
उन्होंने 2008 के मालेगांव बम विस्फोट प्रकरण को याद करते हुए बताया कि किस प्रकार तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 'हिंदू आतंकवाद' जैसे अवधारणाओं को गढ़कर निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फंसाया। कर्नल श्रीकांत पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और सुधाकर चतुर्वेदी जैसे कई निर्दोषों को न केवल गिरफ्तार किया गया, बल्कि वर्षों तक झूठे सबूतों और राजनीतिक कहानियों के जरिए कानूनी उत्पीड़न का शिकार भी बनाया गया।
उन्होंने कहा कि हाल ही में एनआईए की विशेष अदालत द्वारा सभी आरोपियों को दोषमुक्त घोषित किए जाने के बाद यह साबित हो गया कि यह पूरा प्रकरण एक राजनीतिक षड्यंत्र था, जिसका मकसद हिंदू समाज की छवि को कलंकित करना था।
इस ऐतिहासिक निर्णय को सत्य और न्याय की विजय बताते हुए आयोजकों ने इसे उन विभाजनकारी ताकतों को करारा जवाब बताया, जो 'भगवा आतंकवाद' जैसे शब्दों का दुरुपयोग कर देश की सांस्कृतिक आत्मा को आघात पहुंचाते रहे।
समारोह में शामिल सभी लोगों ने एक स्वर में संकल्प लिया कि ऐसे किसी भी अन्याय के खिलाफ वे भविष्य में भी संगठित होकर आवाज उठाते रहेंगे।