क्या मालेगांव मामले में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को माफी मांगनी चाहिए?

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क्या मालेगांव मामले में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को माफी मांगनी चाहिए?

सारांश

भाजपा सांसद नरेश बंसल ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा के बरी होने के बाद कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विशेष एनआईए कोर्ट का निर्णय कांग्रेस के झूठे नैरेटिव को नकारता है और माफी मांगने की मांग की है। क्या यह मामला राजनीतिक बदले की भावना का है?

Key Takeaways

  • मालेगांव मामले में साध्वी प्रज्ञा को बरी किया गया।
  • नरेश बंसल ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए।
  • कोर्ट का निर्णय हिंदू समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है।
  • राजनीतिक आरोपों का खेल वोट बैंक की राजनीति के लिए किया जा रहा है।
  • कांग्रेस को अपने झूठे नैरेटिव के लिए माफी मांगनी चाहिए।

नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद नरेश बंसल ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के मालेगांव ब्लास्ट मामले में बरी होने के बाद दिए गए बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में विशेष एनआईए कोर्ट का निर्णय साध्वी प्रज्ञा और अन्य को सभी आरोपों से मुक्त करता है, क्योंकि विश्वसनीय साक्ष्य की कमी थी। बंसल ने कांग्रेस पर 'भगवा आतंकवाद' और 'हिंदू आतंकवाद' का झूठा नैरेटिव गढ़कर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि कोर्ट के फैसले ने कांग्रेस के प्रयासों को पूरी तरह से नकार दिया है और सत्य की जीत हुई है।

bंसल ने कहा कि सोनिया गांधी, पी. चिदंबरम और दिग्विजय सिंह को इस झूठे नैरेटिव के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय न केवल साध्वी प्रज्ञा और अन्य अभियुक्तों के लिए, बल्कि पूरे हिंदू समुदाय और सनातन धर्म के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि इसने 'भगवा आतंकवाद' जैसे शब्दों को खारिज कर दिया है।

बंसल ने कहा कि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद का कोई रंग या धर्म नहीं होता, और कांग्रेस द्वारा तैयार किया गया यह नैरेटिव पूरी तरह विफल रहा।

उन्होंने कांग्रेस पर हिंदू संतों और राष्ट्रवादी नेताओं को बदनाम करने के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया और दावा किया कि कांग्रेस ने हमेशा हिंदू संस्थाओं के प्रमुखों और राष्ट्रवाद के प्रतीकों को निशाना बनाया है। इस प्रकार के कार्यों के लिए कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।

एसआईआर पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और विपक्ष द्वारा हंगामा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वे फर्जी वोटों के आधार पर चुनाव जीतना चाहते हैं। बंसल ने सवाल उठाया कि क्या मृत लोगों के नाम, दोहरे मतदाता, या घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में होने चाहिए? गहन पुनरीक्षण के बाद अनधिकृत नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं और दावा-आपत्ति के लिए एक महीने का समय दिया गया है।

बंसल ने राहुल गांधी को 'अहंकारी' और 'नाकाम' नेता करार देते हुए कहा कि उन्हें बार-बार लॉन्च करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वे सफल नहीं हो पा रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की हताशा के कारण वे संवैधानिक संस्थाओं, संसद और कोर्ट को धमकाने का प्रयास करते हैं, लेकिन उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के राज्यसभा उपसभापति को लिखे पत्र पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह विरोध राजनीतिक नौटंकी है। उन्होंने दिसंबर 2023 की घटना का जिक्र किया, जब दो घुसपैठियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई थी। बंसल ने बताया कि इसके बाद सुरक्षा समीक्षा बैठक में संसद की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को सौंपा गया।

उन्होंने विपक्ष, खासकर कांग्रेस, पर संसद की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसद टेबल पर चढ़ते हैं, आसन की ओर कागज और कॉपियां फेंकते हैं, जिसके चलते व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआईएसएफ को तैनात किया गया। सीआईएसएफ के जिम्मे बाहरी सुरक्षा भी है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का खेल सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए किया जा रहा है। जबकि तथ्य यह है कि न्यायपालिका ने साक्ष्य के अभाव में आरोपों को खारिज किया है, ऐसे में राजनीतिक दलों को संयमित रहना चाहिए और सच्चाई का सम्मान करना चाहिए।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

मालेगांव ब्लास्ट केस क्या है?
मालेगांव ब्लास्ट केस 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए विस्फोटों से संबंधित है, जिसमें कई लोग मारे गए थे।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को क्यों बरी किया गया?
साध्वी प्रज्ञा को विश्वसनीय साक्ष्य की कमी के कारण बरी किया गया।
नरेश बंसल ने कांग्रेस पर क्या आरोप लगाए?
नरेश बंसल ने कांग्रेस पर 'भगवा आतंकवाद' का झूठा नैरेटिव बनाने का आरोप लगाया।
क्या कोर्ट के फैसले का राजनीतिक प्रभाव होगा?
इस फैसले के राजनीतिक प्रभाव को लेकर चर्चाएँ बनी रहेंगी, खासकर कांग्रेस और भाजपा के बीच।
क्या कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए?
नरेश बंसल के अनुसार, कांग्रेस को अपने झूठे नैरेटिव के लिए माफी मांगनी चाहिए।