क्या मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए सीजेआई को बधाई देकर संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की उम्मीद जताई?

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क्या मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए सीजेआई को बधाई देकर संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की उम्मीद जताई?

सारांश

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जस्टिस सूर्यकांत को नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर बधाई दी। उनका मानना है कि जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व में भारत में संवैधानिक मूल्य, संस्थागत ताकत और कानून के शासन में जनता का विश्वास मजबूत होगा। जानें इस समारोह की खास बातें!

Key Takeaways

  • जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बने।
  • मल्लिकार्जुन खड़गे ने बधाई दी और संवैधानिक मूल्यों की मजबूती की उम्मीद जताई।
  • शपथ ग्रहण समारोह में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
  • जस्टिस सूर्यकांत का जन्म हरियाणा में हुआ था।
  • उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।

नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत को भारत के ५३वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व में संवैधानिक मूल्य, संस्थागत ताकत और कानून के शासन में जनता का भरोसा और भी मजबूत होगा।

खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "जस्टिस सूर्यकांत को भारत के ५३वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ लेने पर मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं। उनकी पदोन्नति हमारे जस्टिस सिस्टम के लिए एक अहम मोड़ पर १४ महीने के कार्यकाल की शुरुआत है।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे विश्वास है कि जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व में संवैधानिक मूल्य, संस्थागत ताकत और कानून के शासन में जनता का भरोसा और मजबूत होगा, जिससे हर नागरिक के लिए न्याय का वादा आगे बढ़ेगा।"

ज्ञात हो कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में जस्टिस सूर्यकांत को भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) के तौर पर पद की शपथ दिलाई। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

शपथ समारोह में भूटान, केन्या, मलेशिया, ब्राजील, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के जज भी शामिल हुए।

जस्टिस सूर्यकांत ने सीजेआई भूषण आर गवई की जगह ली है। राष्ट्रपति मुर्मू ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद 'संविधान के आर्टिकल १२४ के क्लॉज (२) द्वारा दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए' जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया।

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म १० फरवरी, १९६२ को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने १९८४ में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की और फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ चले गए। इस दौरान उन्होंने कई तरह के संवैधानिक, सर्विस और सिविल मामलों को संभाला, जिसमें यूनिवर्सिटी, बोर्ड, कॉर्पोरेशन, बैंक और यहां तक कि खुद हाईकोर्ट को भी रिप्रेजेंट किया।

जुलाई २००० में उन्हें हरियाणा का सबसे कम उम्र का एडवोकेट जनरल बनाया गया। इसके बाद, २००१ में उन्हें सीनियर एडवोकेट बनाया गया और ९ जनवरी २००४ को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का परमानेंट जज बनाया गया। बाद में, उन्होंने अक्टूबर २०१८ से २४ मई २०१९ को सुप्रीम कोर्ट में अपनी पदोन्नति तक हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर काम किया। नवंबर २०२४ से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन के तौर पर कार्यरत हैं।

Point of View

NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म कब हुआ था?
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म १० फरवरी, १९६२ को हुआ था।
जस्टिस सूर्यकांत ने किस पद पर कार्य किया है?
जस्टिस सूर्यकांत ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के परमानेंट जज और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्य किया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने जस्टिस सूर्यकांत को बधाई देने में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व में संवैधानिक मूल्य और कानून के शासन में जनता का विश्वास और मजबूत होगा।
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