क्या ममता बनर्जी ने 'कन्याश्री' योजना की 12वीं वर्षगांठ पर गर्व जताया?

सारांश
Key Takeaways
- कन्याश्री योजना ने महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- इस योजना के तहत 17,500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रदान की गई है।
- महिलाओं की समृद्धि के बिना समाज की समृद्धि संभव नहीं है।
- योजना ने संयुक्त राष्ट्र स्तर पर मान्यता प्राप्त की है।
- मुख्यमंत्री का संदेश महिलाओं को प्रेरित करता है कि वे अपने सपनों को पूरा करें।
कोलकाता, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 14 अगस्त को 'कन्याश्री दिवस' के अवसर पर राज्य की लड़कियों और महिलाओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने 'कन्याश्री' योजना की 12वीं वर्षगांठ पर इस महत्वाकांक्षी सामाजिक पहल की सफलता पर गर्व जताया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'कन्याश्री' योजना को लेकर गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "आज कन्याश्री दिवस है। कन्याश्री योजना, जो हमारा गौरव है, ने 12 वर्ष पूरे कर लिए हैं। दुनिया भर में, देश और पूरे बंगाल में सभी कन्याश्री महिलाओं को बहुत-बहुत बधाई।"
उन्होंने कहा कि मुझे किसी अन्य सरकारी परियोजना की जानकारी नहीं है, जिसने इतने कम समय में समाज में महिला सशक्तिकरण पर इतना बड़ा प्रभाव डाला हो।
मुख्यमंत्री ने अपनी पोस्ट में उल्लेख किया कि इस योजना को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली है। उन्होंने कहा, "यह दुनिया में इतनी लोकप्रिय है कि इसने संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार जीता और 62 देशों की 552 योजनाओं में पहला स्थान हासिल किया।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समाज में महिलाएं समृद्ध नहीं हैं, वह कभी भी समृद्ध नहीं हो सकता। समाज के विकास के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण आवश्यक है।
उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में 93 लाख से ज्यादा "कन्याश्री" हैं। इस योजना के माध्यम से उनके हाथों में 17,500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सौंपी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिर्फ महिलाओं के सशक्तिकरण की बातें नहीं करते, बल्कि उसे साकार करके दिखाते हैं।
उन्होंने कन्याश्री लाभार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए लिखा, "सभी कन्याश्री से मेरा कहना है, जीवन में ऊंचाइयां हासिल करो, अपने देश का नाम रोशन करो, अपने राज्य का नाम रोशन करो। एक दिन तुम "विश्व बांग्ला" (वैश्विक बंगाल) का निर्माण करोगी। तुम अपने सिर पर विश्व सम्मान का ताज पहनोगी।"
उन्होंने अपने संदेश का समापन जय हिंद, जय बांग्ला और जय कन्याश्री के उद्घोष के साथ किया।