क्या अग्निमित्रा पॉल ने सीएम ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया?

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क्या अग्निमित्रा पॉल ने सीएम ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया?

सारांश

भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया है, जिससे बंगाल की सुरक्षा पर प्रश्न उठ रहे हैं। क्या यह राजनीति राज्य के लिए खतरा बन गई है?

Key Takeaways

  • तुष्टीकरण की राजनीति पर आरोप
  • दीपुदास की मृत्यु पर चुप्पी
  • सामाजिक सौहार्द का खतरा
  • राजनीतिक तुलना में गहराई
  • बंगाल की सुरक्षा का प्रश्न

कोलकाता, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वर्तमान में जिस प्रकार की राजनीति कर रही हैं, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि वह केवल वोट बैंक के लाभ के लिए निर्णय ले रही हैं।

अग्निमित्रा पॉल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि दुर्गा आंगन बनाने का कोई अर्थ नहीं रह गया है, क्योंकि पिछले 15 वर्षों से राज्य में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ममता बनर्जी ने सत्ता में आने से पहले डबल नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन वह इसे पूरा करने में पूरी तरह असफल रहीं।

भाजपा नेता ने दीपुदास की मृत्यु का उल्लेख करते हुए कहा कि इतनी गंभीर घटना के बावजूद मुख्यमंत्री ने एक भी विरोध मार्च का आयोजन नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर मुख्यमंत्री में सच में साहस है तो उन्हें दीपुदास की मृत्यु की सार्वजनिक रूप से निंदा करनी चाहिए और इसके खिलाफ आंदोलन का आह्वान करना चाहिए। अग्निमित्रा पॉल ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी इस डर से चुप हैं कि कहीं विरोध करने से उनका मुस्लिम वोट बैंक प्रभावित न हो जाए। यह रवैया राज्य की कानून व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द के लिए अत्यंत खतरनाक है।

अग्निमित्रा पॉल ने आगे कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति करते-करते ममता बनर्जी और उनकी पार्टी यह भूल गई हैं कि शासन केवल नारेबाजी से नहीं, बल्कि मजबूत प्रशासनिक और संस्थागत व्यवस्था से चलता है। उन्होंने हाल ही में सामने आए एक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेश के एक व्यक्ति ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जिसकी भाजपा कड़ी निंदा करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस गंभीर मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस ने न तो कोई निंदा की और न ही कोई विरोध किया, जो पार्टी के असली चरित्र को उजागर करता है।

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस और भाजपा की तुलना करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस एक रुके हुए तालाब की तरह है, जबकि भाजपा एक विशाल महासागर की भांति है। उन्होंने कहा कि एक तालाब कभी महासागर की गहराई, विस्तार और हलचल को नहीं समझ सकता। अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि पूरे देश से भाजपा के कई नेता बंगाल आएंगे, क्योंकि यह देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है और राष्ट्रीय स्तर पर इसकी मजबूत पकड़ है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल का चुनाव केवल राज्य में सरकार बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बंगाल के 10 करोड़ लोगों की सुरक्षा का प्रश्न है। उनके अनुसार, यह चुनाव पूरे देश के 140 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस कभी यह नहीं समझ पाएगी कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य केंद्रीय नेता बार-बार बंगाल क्यों आते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए बंगाल केवल एक राज्य नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकतंत्र की मजबूती से जुड़ा एक अहम केंद्र है।

Point of View

लेकिन यह स्पष्ट है कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप आम बात है। ममता बनर्जी की सरकार के लिए यह समय है कि वे अपने कार्यों का मूल्यांकन करें और सभी समुदायों के लिए एक समान नीति अपनाएँ।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

अग्निमित्रा पॉल ने ममता बनर्जी पर क्या आरोप लगाया?
अग्निमित्रा पॉल ने ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है, जिससे राज्य की स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
क्या ममता बनर्जी ने दीपुदास की मृत्यु पर कोई विरोध मार्च निकाला?
नहीं, अग्निमित्रा पॉल के अनुसार, ममता बनर्जी ने दीपुदास की मृत्यु के बावजूद कोई विरोध मार्च नहीं निकाला।
तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में क्या अंतर है?
अग्निमित्रा पॉल ने तृणमूल कांग्रेस को एक रुके हुए तालाब और भाजपा को एक विशाल महासागर के रूप में वर्णित किया है।
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