क्या पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची से घुसपैठियों के नाम हटने से ममता बनर्जी परेशान हैं?
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों के नाम हटाने से ममता बनर्जी चिंतित हैं।
- भाजपा का दावा है कि टीएमसी भ्रष्टाचार में लिप्त है।
- बंगाल में भाजपा दो-तिहाई बहुमत से जीतने की उम्मीद कर रही है।
भुवनेश्वर, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने बुधवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी और उनके सहयोगी बंगाल में मतदाता सूची से घुसपैठियों के नाम हटाए जाने से अत्यंत चिंतित हैं।
संबित पात्रा ने कहा कि मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल में भ्रष्टाचार, घुसपैठ और फेंसिंग के मुद्दों को उजागर किया। इस पर ममता बनर्जी ने गृहमंत्री को सीधे तौर पर धमकी दी, जो न केवल अमित शाह को बल्कि पूरे भारत को चुनौती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ जारी हिंसा और मतदाता सूची से घुसपैठियों के नाम हटाने का विरोध यह दर्शाता है कि टीएमसी सच से भयभीत है। बंगाल में परिवर्तन की आवश्यकता है। आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा दो-तिहाई बहुमत से सरकार का गठन करेगी। जब हमारे पार्टी अध्यक्ष नड्डा बंगाल गए थे, तब ममता बनर्जी ने घुसपैठियों की सहायता से उनके काफिले पर हमले किए थे। ममता और टीएमसी ने 300 से अधिक भाजपा सदस्यों की हत्या की है।
भाजपा सांसद ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल की स्थिति इतनी विषम हो गई है कि 3,000 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता आज भी अपने घर नहीं लौट पा रहे हैं। बंगाल में लोकतंत्र का दमन इस बात को स्पष्ट करता है कि लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हैं।
संबित पात्रा ने कहा कि ममता बनर्जी को इस बात से परेशानी है कि घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को बर्बाद कर दिया है और जनता उनकी वास्तविकता को समझ चुकी है। इसलिए जनता अब भाजपा के समर्थन में आ गई है।
उन्होंने कहा कि जब घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाते हैं, तो ममता को परेशानी होती है। सोचिए, उनकी निराशा कितनी अधिक होगी कि उन्होंने भारत के गृह मंत्री को डराने का प्रयास किया। उन्होंने यह तक कहा कि उनकी वजह से ही वह अपने होटल के कमरे से बाहर निकल पाए।
एक समय था जब यह कहा जाता था, "जो बंगाल आज सोचता है, भारत कल सोचता है।" यह कहावत दर्शाती थी कि बंगाल कितना प्रगतिशील था, लेकिन टीएमसी के शासन में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को और अधिक बर्बाद कर दिया है।