'मन की बात' कार्यक्रम का देशवासियों के बीच कितना महत्व है?

सारांश
Key Takeaways
- 'मन की बात' कार्यक्रम सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है।
- बच्चों में देशभक्ति की भावना को विकसित करने का प्रयास।
- सैन्य अभियानों की गाथाएँ नई पीढ़ी को सिखाने में महत्वपूर्ण हैं।
- कानून व्यवस्था पर नैतिकता का प्रश्न उठाया गया।
- सामाजिक मुद्दों पर खुलकर चर्चा का महत्व।
नई दिल्ली, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम को लेकर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जहाँ विभिन्न मुद्दों पर राजनीति से इतर चर्चा की जाती है। देशवासी इस कार्यक्रम का उत्सुकता से इंतजार करते हैं कि इस बार पीएम किन मुद्दों को उठाएंगे।
रविवार को राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में भाजपा सांसद ने बताया कि इस बार के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की और प्रेरक कहानियाँ साझा की, जिससे देश में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
भाजपा सांसद ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात करते हुए कहा कि इससे बच्चों में देशभक्ति और सैन्य बलों के प्रति सम्मान की भावना विकसित होगी। ऐसे सैन्य अभियानों की गाथाएँ, जैसे कि 'ऑपरेशन सिंदूर,' नई पीढ़ी को आजादी और लोकतंत्र की रक्षा के लिए किए गए बलिदानों को समझाने में मदद करेंगी। इससे बच्चों में देशभक्ति की भावना और मजबूत होगी।
बिहार की कानून व्यवस्था पर तेजस्वी यादव के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि उनके पिता लालू प्रसाद यादव और माँ राबड़ी देवी की सरकारों के दौरान बिहार में 'जंगल राज' था, जहाँ अपराध को संरक्षण मिलता था।
तेज प्रताप यादव के निर्दलीय चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का अवसर है।
सपा सांसद के बयानों पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी के लोग हिंदू धर्म के विषय में कुछ नहीं कहने चाहिए, क्योंकि वे एक वर्ग विशेष की राजनीति करते हैं।
भारत-पाकिस्तान के एशिया कप मुकाबले पर उन्होंने कहा कि जिस देश के साथ हमारे संबंध ठीक नहीं हैं, वहाँ इस प्रकार का कोई मैच नहीं होना चाहिए।
भाजपा सांसद ने मानसून सत्र में विपक्ष के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए अपनी तत्परता स्पष्ट की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष ने केवल सदन का समय बर्बाद किया।