क्या हिमाचल प्रदेश के मनाली में भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया?

सारांश
Key Takeaways
- मनाली में बाढ़ ने जनजीवन को प्रभावित किया।
- चार दुकानें बह गईं, जिससे लाखों का नुकसान हुआ।
- बाढ़ का मुख्य कारण भारी बारिश थी।
- स्थानीय प्रशासन को सजग रहने की आवश्यकता है।
- मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है।
मनाली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने आम जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। पिछले दिन मनाली में हुई तेज बारिश के चलते सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। जल स्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे 4 दुकानें बह गईं और दुकान मालिकों को लाखों का नुकसान हुआ है।
मनाली के अंजनी महादेव की पहाड़ियों पर हुई मूसलधार बारिश के कारण व्यास नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया। बारिश के कारण नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया और महज 15 मिनट में मनाली के बाहंग क्षेत्र में चार दुकानें बाढ़ की चपेट में आ गईं। नेशनल हाईवे-3 की एक लेन भी बह गई। दुकानदारों को सामान निकालने का समय नहीं मिला, जिसके चलते उन्हें लाखों का नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, बाढ़ के कारण किसी की जान जाने की कोई सूचना नहीं है।
यदि व्यास नदी का प्रवाह और तेज होता, तो पूरा बाजार इसकी चपेट में आ सकता था। यह फ्लैश फ्लड अंजनी महादेव क्षेत्र में हुई मूसलधार बारिश के बाद उत्पन्न हुआ, जिसने निचले इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया। मौसम विभाग ने अगले 2 से 3 दिनों के लिए चेतावनी जारी की है, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता बनी हुई है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए रोशन लाल ने कहा, "सैलाब इतना तेज था कि कुछ भी संभालने का मौका नहीं मिला। 2024 में भी पानी बढ़ा था, लेकिन तब नुकसान नहीं हुआ था। इस बार दुकान समेत 15 लाख रुपए
प्रत्यक्षदर्शी गंगा राम ने कहा, "शुरुआत में पानी धीरे-धीरे बढ़ा, लेकिन अचानक नदी का बहाव बाजार की ओर मुड़ गया। अगर थोड़ी देर और पानी उसी रफ्तार से बहता, तो शायद पूरा बाजार खत्म हो जाता। पहली ही बारिश में इतना नुकसान देखकर अब आगे का डर सता रहा है।"
मनाली में यह अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा पर्यावरणीय असंतुलन का परिणाम है। यह दर्शाता है कि आधारभूत संरचनाओं की कमी किस प्रकार लोगों की आजीविका को पल भर में तबाह कर सकती है। प्रशासन को अब सजग रहने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में बड़े हादसों से बचा जा सके।