क्या मणिपुर में डेंगू के 39 नए मामले सामने आए हैं? इस साल कुल मामले 5,166 हो गए हैं
सारांश
Key Takeaways
- मणिपुर में डेंगू के 39 नए मामले सामने आए हैं।
- कुल मामलों की संख्या 5,166 हो गई है।
- बिष्णुपुर जिले में एक मरीज की मृत्यु हुई है।
- स्वास्थ्य विभाग ने एनवीबीडीसीपी के दिशा-निर्देशों का पालन किया है।
- घनी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में डेंगू के मामले ज्यादा हैं।
इंफाल, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर में इस वर्ष 39 और व्यक्तियों के डेंगू से संक्रमित होने की पुष्टि होने के साथ, वेक्टर जनित बीमारियों के कुल मामलों की संख्या 5,166 तक पहुँच गई है। यह जानकारी अधिकारियों ने शुक्रवार को दी।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य मलेरिया अधिकारी एस. प्रियकुमार सिंह द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी से लेकर अब तक राज्य में 5,166 लोग डेंगू के शिकार हुए हैं। इस दौरान, बिष्णुपुर जिले में एक मरीज की जान चली गई।
राज्य के मलेरिया अधिकारी ने बताया कि पिछले 11 महीनों से राज्य में डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्रीय एनवीबीडीसीपी के दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष (2024) में डेंगू के 2,463 मामले दर्ज किए गए थे और इस बीमारी से पांच लोगों की मृत्यु हुई थी।
राज्य मलेरिया अधिकारी की रिपोर्ट में बताया गया है कि 10,846 लोगों की जांच के बाद 5,166 मामलों की पुष्टि हुई है।
नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर के 16 प्रशासनिक जिलों में, घाटी और पहाड़ी क्षेत्रों में इंफाल पश्चिम में सबसे अधिक 3,517 मामले सामने आए हैं। इसके बाद इंफाल पूर्व (1,093), बिष्णुपुर (140), थौबल (120), सेनापति (65), काकचिंग (57), उखरुल (53) और चंदेल (30) का स्थान है।
सबसे अधिक प्रभावित जिलों में इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर और थौबल शामिल हैं, जो घनी आबादी वाले इंफाल घाटी क्षेत्र में हैं। वहीं, सेनापति, काकचिंग, उखरुल, और चंदेल जिले पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित हैं।
दक्षिणी असम से लगे जिरीबाम जिले में डेंगू का केवल एक पॉजिटिव मामला सामने आया है, जबकि पहाड़ी फेरजावल जिले में अभी तक कोई मामला नहीं आया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि डेंगू से संबंधित एकमात्र मृत्यु मणिपुर घाटी क्षेत्र के बिष्णुपुर जिले में हुई है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एनवीबीडीसीपी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, विभाग अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर इस बीमारी के प्रसार को रोकने हेतु कार्यरत है।