क्या 2014 के बाद हमने कूटनीतिक दिशा में गलतियां कीं? मणिशंकर अय्यर का बयान

सारांश
Key Takeaways
- भारत को स्वतंत्रता दिखानी चाहिए।
- कूटनीति में स्पष्ट दिशा आवश्यक है।
- अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध जटिल हैं।
- इजरायल का समर्थन विवादास्पद हो सकता है।
- सबूत प्रस्तुत करना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर कांग्रेस के अनुभवी नेता मणिशंकर अय्यर ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने भारत की विदेश नीति पर अपने विचार साझा किए।
मणिशंकर अय्यर ने कहा, "हमें वैश्विक स्तर पर यह प्रदर्शित करना आवश्यक है कि हम स्वतंत्र हैं और किसी भी मित्रता के पीछे भाग नहीं रहे हैं। यह दोनों देशों (अमेरिका और भारत) के लिए लाभकारी है। हमारी नीति यह नहीं होनी चाहिए कि हम चीन से एक विशेष संबंध रखें और अमेरिका से एकदम भिन्न। यह कूटनीति नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा कि 'हाउडी मोदी' और 'नमस्ते ट्रंप' जैसे बड़े आयोजनों के बावजूद, आज की स्थिति यह है कि पाकिस्तान की प्रशंसा की जा रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की नहीं, बल्कि उसके फील्ड मार्शल की प्रशंसा हो रही है, जिसने स्वयं को फील्ड मार्शल घोषित कर दिया है। अमेरिका भारत से गले मिल रहा है, लेकिन पाकिस्तान से हाथ मिला रहा है। ऐसे में गले मिलने का हमें क्या लाभ है?
उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि 2014 के बाद हमने कूटनीतिक दिशा में कुछ गलतियां कीं। हमने प्रयास किया कि पाकिस्तान को एक चेहरा दिखाएं, चीन को दूसरा, रूस के लिए अलग नीति अपनाएं और यूरोप के लिए अलग। वहीं, अमेरिका को एक अन्य चेहरा दिखाया, लेकिन इस तरह की बिखरी हुई रणनीति से कोई सार्थक परिणाम नहीं निकलता।"
उन्होंने कहा, "हालांकि गाजा में जो कुछ हो रहा है, उस नरसंहार के बावजूद, हमने अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगी इजरायल का खुलकर समर्थन किया। उनके खिलाफ कुछ कहना या वोट करने के लिए हम तत्पर नहीं हैं, लेकिन इसका परिणाम क्या रहा, हमें क्या मिला?"
कांग्रेस नेता ने कहा, "आज ट्रंप कह रहे हैं कि दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ भारत में हैं। मैंने ही भारत और पाकिस्तान के बीच शांति लाई। यह पाकिस्तान मान रहा है, जबकि भारत नहीं मान रहा। भारत का तर्क है कि हमने ही यह किया। इस प्रकार, सारा दंड हम स्वयं अनुभव कर रहे हैं और सारा लाभ पाकिस्तान को मिल रहा है।"
उन्होंने कहा, "इजरायल को छोड़कर कोई भी ऐसा देश नहीं है जो कहे कि पहलगाम आतंकी घटना के पीछे पाकिस्तान है। पहलगाम आतंकी हमले के दो दिन बाद यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक हुई, जिसमें चीन एक स्थायी सदस्य है और पाकिस्तान अस्थायी सदस्य है। बैठक में पहलगाम आतंकी हमले का खंडन किया गया, लेकिन यह नहीं बताया गया कि इसके पीछे कौन है। इस हमले के पीछे पाकिस्तान जिम्मेदार है, लेकिन हम इसका सबूत पेश नहीं कर पा रहे हैं।