क्या नितिन नबीन के कटाक्ष पर मनोज झा का तंज उचित था?

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क्या नितिन नबीन के कटाक्ष पर मनोज झा का तंज उचित था?

सारांश

मनोज झा ने नितिन नबीन के कटाक्ष पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की तुलना पीएम मोदी से की। क्या यह उचित था? जानिए इस बयानबाजी का पूरा सच।

Key Takeaways

  • मनोज झा ने नितिन नबीन के कटाक्ष का विरोध किया।
  • राहुल गांधी की भाषा की तुलना पीएम मोदी से की गई।
  • अमित शाह के घुसपैठियों के बयान पर सवाल उठाए गए।
  • कुलदीप सेंगर के मामले में न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल।
  • राजनीतिक बयानबाजी से समाज में विभाजन होता है।

नई दिल्ली, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा पर कटाक्ष किया था।

नितिन नबीन ने कहा था कि राहुल गांधी जैसे कई नेता राजनीति को पार्ट-टाइम की तरह लेते हैं, जबकि हम भाजपा के कार्यकर्ता हर समय समर्पित रहते हैं। इस पर मनोज झा ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाना गलत है। जो लोग बात समझ नहीं पाते, उनके बारे में क्या कहा जाए।

राजद सांसद ने नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी कम से कम पीएम मोदी जैसी भाषा का उपयोग नहीं करते हैं। देश और सरकार में अंतर है। क्या मेरा देश और मेरा भारत एक ही चीज है? जब आपातकाल लगा, तब देश की मोहब्बत में विरोध किया गया। आज मान्यताएं बदल गई हैं, क्योंकि संघ-भाजपा का शासन है। कम से कम पीएम मोदी जैसी जुबान तो नहीं बोल रहे हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के घुसपैठियों के बयान पर मनोज झा ने कहा कि घुसपैठियों की लिस्ट जारी करें। अमित शाह से पूछें कि बिहार में कितने घुसपैठिए मिले। झारखंड विधानसभा चुनावों के दौरान बहुत शोर मचा था—'घुसपैठिए, घुसपैठिए।' असल में कितने मिले? क्या कोई असेसमेंट हुआ या यह सिर्फ घुसपैठियों के नाम पर लोगों को भड़काना है? ऐसी बयानबाजी पर रोक लगाइए। रोजगार और सामाजिक सौहार्द पर बात कीजिए—यदि वहां नहीं कर सकते, तो चुप रहिए।

नाबालिग से रेप मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर उन्होंने कहा कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' एक ढकोसला है। कुलदीप सेंगर चलेंगे। किसी को पैरोल मिलेगा, किसी को जमानत, और आरोप मुक्त हो जाएंगे। भारत हम शर्मिंदा हैं।

Point of View

यह बयानबाजी महज राजनीतिक खेल से अधिक कुछ नहीं है। नेताओं को अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए, क्योंकि यह समाज में विभाजन का कारण बन सकता है। हमें सकारात्मक संवाद की आवश्यकता है।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

मनोज झा ने किस विषय पर टिप्पणी की?
मनोज झा ने नितिन नबीन के बयान पर राहुल गांधी की भाषा की तुलना की।
क्या मनोज झा ने नितिन नबीन के बयान का समर्थन किया?
नहीं, उन्होंने नितिन नबीन के बयान की आलोचना की।
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