क्या मनोज तिवारी ने कांवड़ यात्रा में भजनों से भक्तों का मन मोह लिया?

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क्या मनोज तिवारी ने कांवड़ यात्रा में भजनों से भक्तों का मन मोह लिया?

सारांश

मनोज तिवारी ने कांवड़ यात्रा में भक्ति भजनों से श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया। सुईया पहाड़ पर उनके भजनों ने भक्तिमय माहौल बना दिया और कांवड़ियों ने तिवारी के साथ थिरककर इस अनुभव को यादगार बना दिया। जानिए इस अद्भुत यात्रा के बारे में।

Key Takeaways

  • मनोज तिवारी का भक्ति भाव श्रद्धालुओं को प्रेरित करता है।
  • भजनों ने कांवड़ यात्रा का वातावरण भक्तिमय बना दिया।
  • सुईया पहाड़ पर कांवड़ियों का उत्साह बढ़ा।

सुल्तानगंज, १ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नई दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भोजपुरी सिनेमा के प्रसिद्ध गायक मनोज तिवारी ने शुक्रवार रात सुल्तानगंज से कांवड़ लेकर सुईया पहाड़ की ओर प्रस्थान किया।

कंधे पर कांवड़ उठाए हुए तिवारी ने महाकवि योगेश फाउंडेशन के कांवड़ शिविर में विश्राम किया, जहाँ उन्होंने बिना कांवड़ उतारे भक्ति भजनों का मंत्रमुग्ध कर देने वाला गायन किया।

उनकी भक्ति से ओतप्रोत आवाज ने कांवड़ मार्ग पर उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, और वे उनकी भक्ति भजनों पर झूमने लगे।

मनोज तिवारी ने अपनी यात्रा जारी रखते हुए कहा, "अभी १५ किलोमीटर की यात्रा बाकी है। भोलेनाथ की कृपा से यह यात्रा सफल होगी।" उनके समर्पण ने अन्य कांवड़ियों के उत्साह को और भी बढ़ा दिया।

जैसे ही तिवारी ने माइक संभाला, 'बोल बम' और 'हर हर महादेव' के जयकारों के बीच उनके भजनों ने भक्तिमय माहौल बना दिया।

महाकवि योगेश फाउंडेशन और अन्य कांवड़ शिविरों के प्रतिनिधियों ने मनोज तिवारी का जोरदार स्वागत किया। 'हर हर बम बम' के नारों से कांवड़ मार्ग गूंज उठा। तिवारी ने अपनी सुरीली आवाज में भगवान शिव के भजन गाए, जिन्हें सुनकर कांवड़िए मंत्रमुग्ध हो गए।

सुईया पहाड़ पर भक्ति का अद्भुत माहौल बना रहा, जहाँ कांवड़िए मनोज तिवारी के भजनों पर थिरकते हुए नजर आए। कई श्रद्धालुओं ने उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं और उनके भक्ति भाव की सराहना की।

Point of View

बल्कि यह भारतीय संस्कृति के रंगों को भी दर्शाती है। उनके भक्ति भाव ने कांवड़ियों को प्रेरित किया और इस प्रकार के आयोजनों का महत्व बढ़ा है।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

मनोज तिवारी ने कांवड़ यात्रा में क्या किया?
उन्होंने भक्ति भजनों का गायन किया और श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
कांवड़ यात्रा का महत्व क्या है?
यह यात्रा श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है, जो भक्तों को भगवान शिव की कृपा का अनुभव कराती है।