क्या मनसे पर भड़के एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने धमकी को गलत बताया?

सारांश
Key Takeaways
- संविधान का सम्मान आवश्यक है।
- धमकियों का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।
- राजनीतिक संवाद महत्वपूर्ण है।
- भाषा और संस्कृति का आदर करें।
- वक्फ बोर्ड की जमीनों का सही उपयोग होना चाहिए।
मुंबई, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मनसे नेता के बेटे द्वारा इन्फ्लुएंसर राजश्री मोरे के साथ दुर्व्यवहार का मामला बढ़ता जा रहा है। इस संदर्भ में एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान यह नहीं कहता कि किसी को धमकी दी जाए या उन्हें मारा जाए।
रोहित पवार ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "हमारा संविधान यह नहीं कहता कि किसी को धमकी दी जाए या उन्हें मारा जाए। अगर मनसे को बात करनी है तो उन्हें बातचीत करनी चाहिए और इसी माध्यम से समाधान निकालना चाहिए। हम संविधान के मार्ग पर चलते हैं और इसलिए हमारा यही कहना है कि महाराष्ट्र या अन्य किसी भी क्षेत्र में रहते हुए वहां की भाषा का सम्मान करना चाहिए। मैं यह भी कहना चाहूंगा कि मराठी एक संस्कृति है और इसका आदर करना आवश्यक है। हम धमकियों का समर्थन नहीं करते हैं।
अल्पसंख्यकों को लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री कीरेन रिजिजू के बयान पर रोहित पवार ने निशाना साधा। उन्होंने कहा, "जिस मंत्री ने यह बयान दिया है, उनकी अपनी पार्टी के अन्य नेता और भाजपा शासित राज्यों के नेता हिंदू-मुस्लिम विभाजन पैदा करने का प्रयास करते हैं। वे नफरत फैलाने और दो धर्मों के बीच विवाद में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं। मैं पूछता हूं कि मंत्री का उन नेताओं, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के बारे में क्या कहना है? भाजपा देश में भेदभाव की राजनीति कर रही है।"
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के बयान पर रोहित पवार ने कहा, "वक्फ बोर्ड के बारे में चर्चा चल रही है कि कई लोगों की नजर वक्फ बोर्ड की जमीनों पर है। इस दिलचस्पी के चलते वे वक्फ बोर्ड से ये जमीनें अमीरों को दे सकते हैं। हमें इस पर विचार करना चाहिए। जमीन उसके असली मालिक के पास ही रहनी चाहिए। अगर इसमें कोई व्यापार हो रहा है तो उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।"