क्या मानसून में स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना चाहिए? डॉ. जग मोहन ने बताए आयुर्वेदिक उपाय

सारांश
Key Takeaways
- मानसून में स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।
- हल्दी और तुलसी का काढ़ा लाभकारी है।
- नीम और गिलोय का सेवन करें।
- पीने का पानी उबालकर पिएं।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें।
चंबा, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। मानसून का आगमन जहां हरियाली और ठंडक लाता है, वहीं यह मौसम स्वास्थ्य के लिए कई चुनौतियां भी प्रस्तुत करता है। इस अवधि में विभिन्न प्रकार की बीमारियों और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भंजराडू उपमंडल में आयुष चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत डॉ. जग मोहन ने लोगों से स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की अपील की।
डॉ. जग मोहन ने कहा कि बारिश के मौसम में बढ़ती नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण सर्दी, खांसी, बुखार, दस्त, और त्वचा से संबंधित समस्याओं का खतरा काफी बढ़ जाता है। विशेषकर चर्म रोग इस मौसम में बहुत आम होते हैं। आयुर्वेद में ऐसे संक्रमणों से बचने के लिए कई प्रभावी घरेलू उपाय सुझाए गए हैं।
उन्होंने लोगों को सलाह दी कि वे नियमित रूप से हल्दी और तुलसी का काढ़ा पिएं, त्रिकटु चूर्ण का सेवन करें, और गुनगुने पानी का उपयोग करें। ये उपाय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, डॉ. मोहन ने विशेष रूप से पीने के पानी की गुणवत्ता पर ध्यान देने की सलाह दी, और कहा कि पानी को उबालकर पीना लाभकारी है।
डॉ. मोहन ने नीम और गिलोय जैसी आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन को भी अत्यंत लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि ये जड़ी-बूटियां शरीर को अंदर से मजबूत बनाकर मौसमी संक्रमणों से बचाती हैं। उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि बारिश में भीगने से बचें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और संतुलित आहार का पालन करें। यदि किसी को कोई स्वास्थ्य संबंधी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत नजदीकी आयुष स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
उन्होंने कहा कि आयुष विभाग मानसून के इस संवेदनशील मौसम में लोगों को जागरूक करने के लिए निरंतर अभियान चला रहा है, ताकि हर व्यक्ति स्वस्थ और सुरक्षित रह सके।