क्या हेमंत सोरेन के संरक्षण में अनुराग गुप्ता गुंडागर्दी का नेटवर्क चला रहे थे?

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क्या हेमंत सोरेन के संरक्षण में अनुराग गुप्ता गुंडागर्दी का नेटवर्क चला रहे थे?

सारांश

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन और अनुराग गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच अवैध कारोबार और खनन घोटालों में गहरी सांठगांठ है। क्या यह झारखंड की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है?

Key Takeaways

  • झारखंड में अवैध कारोबार का गंभीर आरोप
  • अनुराग गुप्ता की संदिग्ध भूमिका
  • भ्रष्टाचार और आंतरिक सुरक्षा का मुद्दा
  • एनआईए जांच की मांग
  • राजनीतिक विवाद का संभावित प्रभाव

रांची, १३ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड भाजपा के अध्यक्ष और राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि झारखंड में चल रहे कई अवैध कारोबारों, खनन घोटालों और भ्रष्ट नियुक्तियों के पीछे दोनों के बीच गहरी सांठगांठ रही है।

मरांडी ने रांची स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हेमंत सोरेन के शासनकाल में झारखंड ‘अवैध नियुक्तियों, लैंड स्कैम और खनन माफिया के गढ़’ में तब्दील हो गया है। उन्होंने कहा कि इन सबमें तत्कालीन डीजीपी अनुराग गुप्ता की भूमिका संदिग्ध रही है। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि यूपीएससी के नियमों की अनदेखी कर सरकार ने गुप्ता को रिटायरमेंट के बाद भी डीजीपी के पद पर बनाए रखा। वे एक साथ सीआईडी और एसीबी दोनों का प्रभार संभाल रहे थे, जिनके जरिए ‘अवैध वसूली का नेटवर्क’ चलाया जा रहा था।

उन्होंने अनुराग गुप्ता पर वर्दी की आड़ में गुंडागर्दी का नेटवर्क चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डीजीपी के पद पर उनकी नियुक्ति के पीछे ‘गिव एंड टेक’ यानी लेनदेन का रिश्ता था। नेता प्रतिपक्ष ने भारत माला प्रोजेक्ट में कथित अवैध वसूली का जिक्र करते हुए दावा किया कि इस कारोबार से होने वाली अवैध कमाई का 40 प्रतिशत हिस्सा अनुराग गुप्ता को और बाकी हिस्सा ऊपर तक पहुंचता था। उन्होंने कहा कि जब यह पैसा सत्ता शीर्ष तक पहुंचना बंद हो गया, तब गुप्ता को पद से हटा दिया गया।

बाबूलाल मरांडी ने यह भी आरोप लगाया कि कोयला, बालू और अन्य खनिजों के अवैध कारोबार में पूर्व डीजीपी और जेल में बंद कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा की मिलीभगत थी। उन्होंने दावा किया कि इस नेटवर्क की देखरेख स्वयं डीजीपी कर रहे थे और इसके जरिए पूरे राज्य में भय और वसूली का तंत्र खड़ा कर दिया गया था। मरांडी ने यह भी कहा कि अपराधी अमन साहू का एनकाउंटर भी इसी नेटवर्क से जुड़ा था, ताकि अवैध कारोबार में बाधा न आए।

मरांडी ने कहा, “यह सिर्फ भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि झारखंड की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा गंभीर विषय है। अनुराग गुप्ता और सुजीत सिन्हा के संबंधों और अमन साहू एनकाउंटर की जांच एनआईए के जरिए कराई जानी चाहिए।”

भाजपा नेता ने कहा कि अपराधी सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा और अनुराग गुप्ता के बीच हुई कथित बातचीत का पूरा ब्योरा सरकार के पास पहुंचा है, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। पार्टी ने कहा कि हेमंत सरकार ने एक ‘वर्दीधारी गुंडे’ को संरक्षण देकर पूरे राज्य में अवैध वसूली और आतंक का नेटवर्क तैयार किया। फिलहाल, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

Point of View

बल्कि झारखंड की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। ऐसे आरोपों की गहन जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके और राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल हो सके।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या मरांडी के आरोप सही हैं?
आरोपों की सत्यता की पुष्टि के लिए स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है।
अनुराग गुप्ता की भूमिका क्या है?
अनुराग गुप्ता पर आरोप है कि वे अवैध वसूली के नेटवर्क का संचालन कर रहे थे।
हेमंत सोरेन का क्या कहना है?
मुख्यमंत्री कार्यालय ने अभी तक इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस मुद्दे का प्रभाव क्या होगा?
यदि जांच में गड़बड़ी पाई जाती है, तो यह राज्य की राजनीति में बड़ा तूफान ला सकता है।
क्या एनआईए जांच होगी?
मरांडी ने एनआईए जांच की मांग की है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।