क्या मनोज तिवारी ने विवादों के चलते क्रिकेट में सुर्खियां बटोरीं? बीसीसीआई, धोनी और गौतम पर की गंभीर टिप्पणी

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क्या मनोज तिवारी ने विवादों के चलते क्रिकेट में सुर्खियां बटोरीं? बीसीसीआई, धोनी और गौतम पर की गंभीर टिप्पणी

सारांश

मनोज तिवारी, एक प्रतिभाशाली बल्लेबाज, का क्रिकेट करियर विवादों से भरा रहा है। धोनी और गंभीर के साथ उनके मतभेदों ने उन्हें चर्चा का विषय बना दिया। जानें उनके करियर और विवादों के बारे में।

Key Takeaways

  • मनोज तिवारी का क्रिकेट करियर विवादों से भरा रहा है।
  • उन्होंने बीसीसीआई से रणजी ट्रॉफी को बंद करने की मांग की।
  • उनका वनडे शतक वेस्टइंडीज के खिलाफ बहुत यादगार था।
  • विवादों के चलते उन्हें चर्चा में रहना पड़ा।
  • वर्तमान में, वे राजनीति में सक्रिय हैं।

नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनोज तिवारी एक उत्कृष्ट बल्लेबाज रहे हैं। उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर बहुत लंबा नहीं रहा, लेकिन पश्चिम बंगाल क्रिकेट टीम के लिए कप्तान और बल्लेबाज के रूप में उनकी उपलब्धियां अद्वितीय रही हैं। फिर भी, मनोज तिवारी की चर्चा का मुख्य कारण एमएस धोनी और गौतम गंभीर जैसे दिग्गज क्रिकेटरों के साथ विवाद रहे हैं।

मनोज तिवारी का जन्म 14 नवंबर 1985 को हावड़ा, कोलकाता में हुआ था। क्रिकेट के प्रति उनका जज़्बा बचपन से ही था, और उन्होंने 2004 में बंगाल के लिए प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने 2008 में भारतीय टीम के लिए वनडे और 2011 में टी20 में खेलने का अवसर पाया। उनका अंतिम मैच जुलाई 2015 में हुआ था। भारत के लिए 12 वनडे में उन्होंने 1 शतक और 1 अर्धशतक की मदद से 287 रन बनाए, जबकि 3 टी20 मैचों की एक पारी में उन्होंने 15 रन बनाये। वेस्टइंडीज के खिलाफ उनका वनडे शतक बेहद यादगार है।

घरेलू क्रिकेट में, तिवारी ने 148 प्रथम श्रेणी मैचों में 30 शतक और 45 अर्धशतक के साथ 10,195 रन बनाए। वे एक तिहरा शतक भी लगाने में सफल रहे। वहीं, 169 लिस्ट ए मैचों में उन्होंने 6 शतक और 40 अर्धशतक के साथ 5,581 रन बनाए। तिवारी ने अपनी कप्तानी में 2012 में बंगाल को फाइनल में पहुंचाया था, जो ड्रॉ रहा।

एक सफल कप्तान और खिलाड़ी होने के बावजूद, मनोज तिवारी को अक्सर विवादों के कारण चर्चा में रहना पड़ा। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के जल्दी समाप्त होने का श्रेय उस समय के कप्तान एमएस धोनी को दिया। एक साक्षात्कार में, तिवारी ने कहा था कि वह जानना चाहेंगे कि शतक लगाने और प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने के बावजूद उन्हें लगातार 14 मैचों तक क्यों बाहर रखा गया। संन्यास के समय भी उन्होंने धोनी पर पक्षपात का आरोप लगाया।

विवादों की एक और कड़ी में, तिवारी ने बीसीसीआई से फरवरी 2024 में रणजी ट्रॉफी को बंद करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में कई समस्याएं हैं, और इसे बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उनका यह बयान उस समय आया था जब उन पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया था।

2020 में, मनोज तिवारी ने पूर्व चयनकर्ता देवांग गांधी को ईडन गार्डंस में बंगाल टीम के ड्रेसिंग रूम में प्रवेश करने से रोका था, जिससे भी वे विवाद में रहे।

2015 में, तिवारी और गौतम गंभीर के बीच दिल्ली के अरुण जेटली क्रिकेट स्टेडियम में एक घरेलू मैच के दौरान बहस हुई थी। दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे को मारने की धमकी दी थी। गौतम ने मनोज को कहा था कि वह शाम को उसे मार देगा, जिस पर मनोज ने गुस्से में जवाब दिया, 'शाम क्या अभी बाहर चल।'

इन सभी विवादों के चलते, मनोज तिवारी हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। फरवरी 2024 में, उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहा और अब वे पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री के रूप में सक्रिय हैं।

Point of View

उनके विवादों ने उनके करियर को प्रभावित किया। ऐसे में, यह समझना जरूरी है कि कैसे व्यक्तिगत मतभेद खेल के माहौल को बदल सकते हैं।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

मनोज तिवारी का जन्म कब हुआ?
मनोज तिवारी का जन्म 14 नवंबर 1985 को हावड़ा, कोलकाता में हुआ था।
मनोज तिवारी का अंतरराष्ट्रीय करियर कब प्रारंभ हुआ?
उनका अंतरराष्ट्रीय करियर 2008 में वनडे के साथ प्रारंभ हुआ।
मनोज तिवारी ने किस मैच में अपना अंतिम प्रदर्शन किया?
उन्होंने जुलाई 2015 में भारतीय टीम के लिए अपना अंतिम मैच खेला।
मनोज तिवारी ने कितने शतक लगाए?
उन्होंने 12 वनडे में 1 शतक और 148 प्रथम श्रेणी मैचों में 30 शतक लगाए।
मनोज तिवारी अब क्या कर रहे हैं?
मनोज तिवारी वर्तमान में पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री हैं।