क्या मथुरा में 15 पुलिसकर्मियों पर फर्जी एनकाउंटर और अपहरण के आरोप में एफआईआर दर्ज होगी?
सारांश
Key Takeaways
- 15 पुलिसकर्मियों पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप
- पीड़ित के पास ठोस सबूत
- कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया
- पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह
- न्याय की तलाश में परिवार की कठिनाईयाँ
मथुरा, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत ने एक चौंकाने वाले मामले में पूर्व सादाबाद कोतवाली प्रभारी सहित 15 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश पीड़ित युवक के पिता गजेंद्र सिंह के द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर दिया गया, जिसमें उन्होंने अपने बेटे हरेंद्र सिंह को घर से अगवा कर फर्जी मुठभेड़ में फंसाने और गोली मारने का गंभीर आरोप लगाया है।
यह मामला थाना फरह क्षेत्र के गाँव कौंह निवासी गजेंद्र सिंह के बेटे ग्रामप्रधान हरेंद्र सिंह के साथ संबंधित है। गजेंद्र सिंह ने न्यायालय में धारा-175 (4) बीएनएसएस के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि 25 फरवरी को सुबह लगभग 4 बजे, हाथरस एसओजी प्रभारी धीरज गौतम के नेतृत्व में 10-15 पुलिसकर्मी उनके फरह स्थित घर में दीवार फांदकर घुसे। आरोप पत्र में तत्कालीन कोतवाली प्रभारी सत्येंद्र सिंह राघव, एसआई सत्यवीर सिंह, आरक्षी अरविंद कुमार, और योगेश समेत कुल 12 नामजद हैं।
पुलिसकर्मियों ने हरेंद्र को पकड़कर मारते-पीटते हुए गाड़ी में डाल दिया। साथ ही, वे हरेंद्र और उनकी पत्नी के दो मोबाइल और 50 हजार रुपए नकद लेकर चले गए।
गजेंद्र सिंह ने न्यायालय को बताया कि हरेंद्र को फरह से ले जाकर सादाबाद कोतवाली, हाथरस क्षेत्र में उसी दिन रात लगभग 10 बजे एक फर्जी मुठभेड़ दर्शाकर जेल भेज दिया गया। मुठभेड़ के दौरान हरेंद्र को जान से मारने की नीयत से टांगों में गोली मारी गई। हरेंद्र को दो अन्य फर्जी केस
प्रार्थी ने न्यायालय को बताया कि उनके पास घर से जबरन ले जाने की सीसीटीवी फुटेज, जबरन घुसने की फुटेज, टोल पर गाड़ी निकलने के सबूत और पुलिस टीम के मोबाइलों की फरह लोकेशन मौजूद है, जो यह साबित करते हैं कि मामला पूरी तरह से फर्जी बनाया गया। उन्होंने फर्जी मुठभेड़ दर्शाने से दो घंटे पहले ही एसएसपी मथुरा और एसपी हाथरस को इसकी शिकायत भेज दी थी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्सव गौरव राज ने 27 नवंबर की पत्रावली पर सुनवाई करते हुए फरह थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि वह आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर नियमानुसार विवेचना सुनिश्चित करें।