क्या मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की अपील से बरेली में अमन-शांति बनी रहेगी?

सारांश
Key Takeaways
- अमन-चैन बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।
- भीड़ और प्रदर्शन से दूर रहना चाहिए।
- सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करना आवश्यक है।
- मोहब्बत का पैमाना दिलों में होता है।
- सकारात्मक कदम उठाना जरूरी है।
बरेली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बरेली के मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने जुमे की नमाज से पहले बरेली के मुस्लिम समुदाय से महत्वपूर्ण अपीलअमन-चैन है और किसी प्रकार का विवाद नहीं है। सभी मुसलमान भाइयों से आग्रह है कि वे अमन-चैन बनाए रखें।
मौलाना रजवी ने पिछले हफ्ते के हंगामे पर टिप्पणी करते हुए कहा, "पिछली घटना जुमे के दिन हुई थी, जो बेहद अफसोसजनक है।" उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "बरेली शहर 'तहजीब ए तवज्जोह' और 'गंगा-यमुनी तहजीब' का केंद्र है। हमें इस पर लगे धब्बे को मिटाने का प्रयास करना चाहिए, यह हर एक की जिम्मेदारी है।"
उन्होंने विशेष रूप से मुसलमानों से अपील की कि वे जुमे की नमाज अदा करें और तुरंत घर लौट जाएं, बिना किसी भीड़, जुलूस, या प्रदर्शन का हिस्सा बने। किसी व्यक्ति या संगठन की बातों पर ध्यान न दें। अपने कामकाज और पढ़ाई-लिखाई में लगे रहें।
मौलाना रजवी ने कहा, "जिला बरेली से बाहर के लोगों की बातों में न आएं। यदि कोई आपसे कुछ कहता है, तो इसकी जानकारी प्रशासन और परिवार के लोगों को दें।"
उन्होंने पोस्टर विवाद को लेकर भी मुस्लिम युवाओं से अपील की। मौलाना रजवी ने कहा, "पैगंबर मोहम्मद से मोहब्बत करें, लेकिन पोस्टर और बैनर लेकर सड़कों पर न निकलें और नारेबाजी न करें। मोहब्बत का पैमाना दिलों में होता है, पोस्टर और शोर मचाना दिखावा है, जो इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ है।"
इस दौरान, मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भारत-पाकिस्तान महिला क्रिकेट मैच पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "मैं दुआ करता हूं कि अल्लाह भारतीय टीम को कामयाब बनाए।"
उन्होंने भारत की पुरुष क्रिकेट टीम की भी प्रशंसा की और कहा कि टीम इंडिया ने पाकिस्तानियों से हाथ नहीं मिलाया और ट्रॉफी भी नहीं ली, यह एक सकारात्मक कदम है।