क्या मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का फतवा नए साल के जश्न पर है सही?

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क्या मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का फतवा नए साल के जश्न पर है सही?

सारांश

बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने नया साल मनाने को शरीयत के खिलाफ बताया है, जिसके बाद कशिश वारसी और अन्य संतों ने इसका विरोध किया है। जानिए इस विवाद के पीछे की कहानी और विभिन्न धार्मिक दृष्टिकोण।

Key Takeaways

  • मौलाना रजवी का नया साल को लेकर फतवा विवादित है।
  • कशिश वारसी और अन्य धार्मिक नेता इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
  • धर्मों के बीच सहिष्णुता और एकता का संदेश महत्वपूर्ण है।

हरिद्वार/मुरादाबाद, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने एक विवादास्पद फतवा जारी किया है, जिसमें उन्होंने नए साल के समारोह को शरीयत के खिलाफ बताया है। इस पर इंडियन सूफी फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कशिश वारसी, सचिन बड़ा उदासीन अखाड़ा के महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज और महंत सूर्यानंद मुनि ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

कशिश वारसी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मौलाना शहाबुद्दीन को चर्चाओं में आए हुए काफी दिन हो गए थे, और यह उनकी मजबूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि ये लोग मोहर्रम को भी नाजायज बताते हैं।

उन्होंने कहा कि इस्लाम दूसरों की खुशियों में शामिल होना सिखाता है। हमारा नया साल गम-ए-हुसैन से शुरू होता है, जबकि हिंदू भाइयों का नया साल चैत्र से प्रारंभ होता है, और हम इसे भी मनाते हैं। ईसाइयों का नया साल एक जनवरी को आता है, जिसे हम स्वीकार करते हैं।

वहीं, महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। व्यस्त जीवन में कुछ समय खुशियों के लिए निकालना अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि सनातनियों का नया साल नवरात्रि से शुरू होता है।

महंत सूर्यानंद मुनि ने कहा कि यह कैलेंडर का नया साल है, और इसे मानने वाला कोई नहीं है। एक जनवरी को नया साल मनाने का प्रचलन है और हमें दूसरों की खुशियों में खुश रहना चाहिए।

Point of View

जबकि अन्य नेताओं ने सभी धर्मों के बीच एकता की बात की है। एक स्वस्थ संवाद की आवश्यकता है जिससे कि हम सभी सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ सकें।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने फतवा क्यों जारी किया?
उन्होंने नए साल के जश्न को शरीयत के खिलाफ बताया है।
कशिश वारसी ने इस फतवे पर क्या प्रतिक्रिया दी?
उन्होंने मौलाना की बातों को नाजायज कहा और सभी धर्मों के बीच एकता की अपील की।
महंत सूर्यानंद मुनि का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि यह कैलेंडर का नया साल है और इसे मनाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
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