क्या मायावती ने एसआईआर अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर अभियान पर मायावती का जोर
- चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाना आवश्यक
- पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने की जरूरत
- मनरेगा में प्रस्तावित बदलाव पर चिंता
- जनकल्याणकारी दिवस का आयोजन
लखनऊ, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्य इकाइयों को इसे पूरी तत्परता से पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने पार्टी संगठन की अन्य गतिविधियों को कुछ समय के लिए स्थगित करने का सुझाव दिया है।
पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित ऑल इंडिया बैठक में एसआईआर अभियान पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर देशभर की राज्य इकाइयों के पदाधिकारी शामिल हुए।
बीएसपी प्रमुख ने चुनावी प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वोटर लिस्ट को शुद्ध करना और देश की चुनावी प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना आवश्यक है। उन्होंने धनबल, बाहुबल और सरकारी हथकंडों से चुनाव को मुक्त कराने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मायावती ने हाल के वर्षों में चुनाव को प्रभावित करने के प्रयासों को गंभीर मामला बताया, विशेषकर बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी धन वितरण के माध्यम से। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के हित में इस पर शीघ्र और ठोस उपाय किए जाने चाहिए। साथ ही, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को नए चुनावी हालात का सामना करने के लिए पूरी तैयारी के साथ जुटने का आह्वान किया।
उन्होंने चुनाव तैयारी के साथ-साथ मतगणना प्रक्रिया के लिए भी पार्टी कैडर को समुचित प्रशिक्षण देने पर बल दिया।
मायावती ने ग्रामीण रोजगार से जुड़े मुद्दों पर बोलते हुए मनरेगा में प्रस्तावित बदलावों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा के स्थान पर प्रस्तावित नई ‘विकसित भारत ग्रामीण रोजगार योजना’ में केंद्र सरकार का अंश 90 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत करना राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालेगा, जिसका विरोध स्वाभाविक है। उनका कहना है कि यदि केंद्र सरकार कोई राष्ट्रीय योजना लागू करना चाहती है तो इसका पूरा वित्तीय भार केंद्र को ही वहन करना चाहिए, अन्यथा इसका सीधा असर गरीब और जरूरतमंद लोगों को मिलने वाले लाभ पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर अभियान चल रहा है। इस दौरान आम लोगों, विशेषकर गरीबों, मजदूरों, शोषितों, पीड़ितों और बहुजन समाज के लोगों को जिन व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, उसे देखते हुए शेष राज्यों को अभी से पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए, ताकि कोई भी पात्र नागरिक अपने बहुमूल्य संवैधानिक मताधिकार से वंचित न रह जाए।
इसके अलावा, उन्होंने घोषणा की कि बीएसपी द्वारा हर वर्ष की तरह इस बार भी 15 जनवरी को पार्टी प्रमुख का जन्मदिन ‘जनकल्याणकारी दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश में यह कार्यक्रम मंडल स्तर पर जबकि अन्य राज्यों में जोन स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें संबंधित केंद्रीय समन्वयक और वरिष्ठ पदाधिकारी भाग लेंगे।