क्या मीनू मुमताज ने 13 साल की उम्र में परिवार का बोझ उठाया?
सारांश
Key Takeaways
- मीनू मुमताज ने 13 साल की उम्र में परिवार का बोझ उठाया।
- उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया।
- उनकी कहानी प्रेरणा का स्रोत है।
- उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें सफलता दिलाई।
- बॉलीवुड में अदाकाराओं का एक महत्वपूर्ण योगदान है।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हिंदी सिनेमा में जितना नाम एक्टर्स का रहा है, उससे कहीं ज्यादा प्रभाव अदाकाराओं का देखने को मिला है। पुरानी पीढ़ी की एक खूबसूरत और सादगी भरी अभिनेत्री ने हमेशा अपने फैंस के दिलों में अपने लिए एक खास जगह बनाई।
इन अदाकाराओं में से एक थीं मीनू मुमताज, जिनके नाम में 'मुमताज' होने के कारण उन्हें हिंदी सिनेमा में एक अलग पहचान मिली, क्योंकि कई लोग उन्हें कभी-कभी मुमताज समझ लिया करते थे।
40 के दशक की प्रसिद्ध अभिनेत्री और दिग्गज अभिनेता महमूद की बहन मीनू मुमताज़ का जन्म 1942 में भारत में हुआ था। उन्होंने केवल 13 साल की उम्र में परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अभिनय शुरू किया। मीनू के सात भाई-बहन थे और उनके पिता अक्सर शराब के नशे में रहते थे। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि मीनू को काम की तलाश करने पर मजबूर होना पड़ा।
एक्ट्रेस की मां को फिल्मों में काम करने की इच्छा नहीं थी, लेकिन अपने पिता के समर्थन के चलते उन्होंने 13 साल की उम्र में फिल्म उद्योग में कदम रखा। उन्होंने 'घर घर में दिवाली' नामक फिल्म में डांसर के रूप में शुरुआत की, लेकिन यह फिल्म ज्यादा सफल नहीं रही। इसके बाद, 1956 में उन्हें 'सखी हातिम' में डांसर के रूप में देखा गया, जिससे उन्हें कुछ पहचान मिली और फिर उन्होंने लीड एक्ट्रेस के तौर पर 'ब्लैक कैट' में बलराज साहनी के साथ काम किया।
मीनू के लिए 'ब्लैक कैट' एक सफल फिल्म साबित हुई, जिसके बाद उन्हें 1957 में 'दो रोटी', 'सी.आई.डी.', 'नया दौर', और 'हलाकू' जैसी फिल्मों में देखा गया। हालांकि, उन्हें केवल कुछ ही फिल्मों में लीड एक्ट्रेस के रूप में काम करने का अवसर मिला। मीनू मुमताज़ की जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन 1958 में आई फिल्म 'हावड़ा ब्रिज' ने उनके जीवन में एक भूचाल ला दिया। इस फिल्म के एक गाने में उन्होंने अपने ही सगे भाई महमूद के साथ रोमांस किया। उस समय इस फिल्म को बैन करने की मांग उठी, क्योंकि लोगों का कहना था कि भाई-बहन के रिश्ते को खराब किया जा रहा है।
महमूद और मीनू दोनों को ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। फिल्मों से ब्रेक लेकर मीनू ने डायरेक्टर एस. अली अकबर से विवाह किया और विदेश में बस गईं, लेकिन अचानक उन्हें पता चला कि उनके मस्तिष्क में ट्यूमर है। इस बीमारी का इलाज किया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश एक्ट्रेस का कनाडा में निधन हो गया।