क्या मेसी के इवेंट में अव्यवस्था के लिए राज्यपाल आनंद बोस सख्त हैं?
सारांश
Key Takeaways
- राज्यपाल आनंद बोस ने अव्यवस्था को कुप्रबंधन नहीं, बल्कि लापरवाही
- हजारों खेल प्रेमियों के लिए स्थिति शर्मनाक
- प्रशासन की नाकामी की ओर इशारा
- घटना की स्वतंत्र जांच की आवश्यकता
कोलकाता, १७ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर लियोनेल मेसी से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान जो अव्यवस्था उत्पन्न हुई, उस पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह केवल कुप्रबंधन नहीं, बल्कि अधिकारियों की घोर लापरवाही का परिणाम है।
राज्यपाल ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि इस कार्यक्रम में जो हंगामा और अव्यवस्था देखी गई, वह खेल प्रेमियों के साथ अन्याय है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "कुप्रबंधन शब्द भी इस स्थिति का वर्णन करने के लिए अपर्याप्त है। इसमें अधिकारियों की लापरवाही बिल्कुल स्पष्ट है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि जब खेल को केवल एक व्यावसायिक वस्तु के रूप में देखा जाता है और निजी व्यक्तियों को खेल प्रेमियों की भावनाओं के खिलाफ पैसे कमाने की अनुमति दी जाती है, तो ऐसे गंभीर परिणाम सामने आते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि मेसी की एक झलक पाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोग कोलकाता पहुंचे थे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने के बावजूद सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए, जो बेहद चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि कोलकाता में जो अव्यवस्थित भगदड़ जैसी स्थिति बनी, वह खेल प्रेमियों के लिए शर्मनाक है, खासकर बंगाल के लोगों के लिए। प्रशासन इस स्थिति का अनुमान लगाने और समय पर आवश्यक एहतियाती कदम उठाने में पूरी तरह नाकाम रहा।
हालांकि, राज्यपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि वह राज्य के संवैधानिक प्रमुख हैं और इसलिए किसी भी घटना पर जल्दी प्रतिक्रिया देना उचित नहीं समझते। उन्होंने कहा कि इस मामले में निश्चित रूप से पूर्ण विफलता हुई है, लेकिन इसके आधार पर पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था का मूल्यांकन करना सही नहीं होगा।
उन्होंने कहा, "मैं इस पर विस्तार में नहीं जाना चाहता, लेकिन गवर्नर के रूप में मेरी पहली जिम्मेदारी जनता के प्रति है। इसलिए मैं जनता के दृष्टिकोण से सोचूंगा, जिन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया और उन्हें किसी की पैसे के लालच के लिए बलि का बकरा बनाया गया, खेल को एक व्यावसायिक चीज के रूप में बेचा गया।"
राज्यपाल आनंद बोस ने यह भी बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले का स्वतंत्र आकलन किया है, जिसकी जानकारी वे संबंधित अधिकारियों को देंगे। फिलहाल, उन्होंने इस विषय पर सार्वजनिक रूप से और अधिक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
वहीं, बांग्लादेशी घुसपैठियों के चुनाव पर असर डालने की संभावना पर पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने कहा, "एसआईआर के बाद, मेरा मानना है कि संभावनाएं कम हो गई हैं। मैं यह नहीं कह रहा कि वे पूरी तरह खत्म हो गई हैं, लेकिन वे निश्चित रूप से कम हो गई हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "यह एक सच्चाई है जो एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने पर सामने आई। बंगाल से सीमा के रास्ते बांग्लादेश में अवैध प्रवासियों का पलायन भी हो रहा है। यह एक ऐसी स्थिति है, एक ऐसी घटना है जिसका काफी हद तक गहराई से अध्ययन किया गया है। जहां तक इसका चुनावों पर असर पड़ने की बात है, एसआईआर प्रक्रिया निश्चित रूप से बदलाव लाएगी। यह सिस्टम को काफी हद तक साफ करेगी।"