<b>मनरेगा</b> का नाम बदलने पर विपक्ष की आपत्ति क्यों? केंद्रीय मंत्री <b>अर्जुन राम मेघवाल</b>
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा का नाम बदलकर 'जी राम जी' किया गया है।
- योजना का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के हितों की सुरक्षा है।
- प्रधानमंत्री के सुझाव पर कार्यदिवसों की संख्या बढ़ाई गई है।
- जल और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- भ्रष्टाचार कम करने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मनरेगा के नाम परिवर्तन पर आपत्ति उठाने वाले विपक्षी दलों से सवाल किया है। उन्होंने कहा कि जब आप सत्ता में थे, तब आपने भी कई योजनाओं के नाम बदले थे। अब जब मनरेगा का नाम बदलकर 'जी राम जी' कर दिया गया है, तो इतनी आपत्ति क्यों उठाई जा रही है?
उन्होंने शुक्रवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मनरेगा योजना से पहले जवाहर रोजगार योजना थी, लेकिन पूर्व सरकार ने उस योजना को बदलकर मनरेगा शुरू की। इसी कड़ी में अब मनरेगा का नाम बदलकर 'जी राम जी' किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के हितों की सुरक्षा करना है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर काम करने के दिनों की संख्या बढ़ाई गई। इसके साथ ही ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास की रूपरेखा भी निर्धारित की गई है। 'जी राम जी' योजना में जल और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है, और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी उपाय बताए गए हैं।
उन्होंने कहा कि योजना में तकनीक को प्राथमिकता दी गई है, और भ्रष्टाचार कम करने के लिए भी उपाय किए गए हैं। 'जी राम जी' योजना में वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बदलाव किए गए हैं। हर योजना में परिवर्तन होते हैं, इसलिए इसमें आपत्ति उठाने का कोई कारण नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे परिवारवादी नेता हैं, और हमें उनसे किसी प्रकार का ज्ञान नहीं चाहिए।