क्या संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन स्वागतयोग्य है?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन गंभीर मुद्दों पर केंद्रित है।
- विपक्ष को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
- राजनीतिक दलों को देश के विकास में योगदान देना चाहिए।
- अवैध नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- चुनाव आयोग के निर्णय से BLO का कार्य आसान होगा।
लखनऊ, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का स्वागत किया।
केशव प्रसाद मौर्य ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन अत्यंत गंभीर रहा। यदि विपक्षी दलों में थोड़ी भी गंभीरता होगी, तो वे प्रधानमंत्री के संबोधन में कही गई बातों को गहराई से समझेंगे और उनकी सार्थकता को समझने का प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्रकारों से बातचीत में जिन मुद्दों का उल्लेख किया, उनका दूरगामी प्रभाव पड़ने वाला है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर राजनीतिक दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में कही गई बातों को आत्मसात करेंगे, तो देश के विकास को एक नई गति मिलेगी।
इसके अलावा, नेशनल हेराल्ड प्रकरण पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि जिसने गलत किया है, उसे उसका परिणाम भुगतना होगा। उसे सजा मिलेगी। इससे किसी को भी अचंभित होने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण की तिथि को आगे बढ़ाने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में BLO पर बढ़ते कार्य के दबाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अब BLO द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर आगे के कदम उठाए जाएंगे।
जांच एजेंसियों द्वारा भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यदि कोई अन्य देश का नागरिक भारत में अवैध रूप से रह रहा है, तो हमारी जांच एजेंसियां उसके खिलाफ किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतेंगी। भारत में अवैध रूप से रह रहे लोगों को मतदाता सूची से बाहर होना होगा और इस देश को छोड़ना होगा। हम किसी भी अवैध नागरिक को अपने देश में स्वीकार नहीं कर सकते हैं।