क्या माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली टीम के अंतिम जीवित सदस्य कांचा शेरपा का निधन हुआ?

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क्या माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली टीम के अंतिम जीवित सदस्य कांचा शेरपा का निधन हुआ?

सारांश

माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली टीम के अंतिम जीवित सदस्य कांचा शेरपा का निधन हो गया है। इस खबर ने पर्वतारोहण समुदाय में शोक की लहर फैला दी है। जानिए उनके जीवन की कुछ महत्वपूर्ण बातें और माउंट एवरेस्ट के प्रति उनके विचार।

Key Takeaways

  • कांचा शेरपा का योगदान पर्वतारोहण में अतुलनीय है।
  • उनका निधन पर्वतारोहण समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है।
  • उन्होंने माउंट एवरेस्ट के प्रति आदर और सम्मान की बात की।
  • उनकी सोच ने कई नए पर्वतारोहियों को प्रेरित किया।
  • उनका अंतिम संस्कार शेरपा परंपरा के अनुसार किया जाएगा।

काठमांडू, १७ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहली बार पहुंचने वाली पर्वतारोहण टीम के अंतिम जीवित सदस्य कांचा शेरपा का ९२ वर्ष की आयु में नेपाल में निधन हो गया।

नेपाल पर्वतारोहण संघ के अध्यक्ष फुर गेलजे शेरपा ने कहा कि कांचा शेरपा काफी समय से अस्वस्थ थे और उनका निधन होना अपूरणीय क्षति है।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस को बताया, "उनके निधन के साथ पर्वतारोहियों की उस महान टीम का कोई भी जीवित सदस्य नहीं है, यह पूरे पर्वतारोहण समुदाय के लिए बहुत बड़ी क्षति है।"

उनका अंतिम संस्कार २० अक्टूबर को शेरपा परंपरा के अनुसार किया जाना है। शेरपा के परिवार में दो बेटे, दो बेटियां और उनके बच्चे हैं।

वह ३५ सदस्यीय टीम में शामिल थे, जिसने २९ मई, १९५३ को सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे को ८,८४८.८६ मीटर ऊंची चोटी के शिखर पर पहुंचाया था।

मार्च १९३७ में जन्मे कांचा शेरपा सिर्फ १७ साल के थे, जब वे उस टीम का हिस्सा बने, जिसने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहली बार विजय प्राप्त की थी।

बाद के वर्षों में, कांचा शेरपा एक गाइड के रूप में काम करते रहे।

उन्होंने २०२४ में एक मीडिया साक्षात्कार के दौरान माउंट एवरेस्ट पर भीड़भाड़ और प्रदूषण को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने लोगों से उस पर्वत का सम्मान करने का आग्रह किया, जिसे शेरपा मातृदेवी के रूप में पूजते हैं।

उन्होंने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि १९५३ के अभियान में शेरपाओं के योगदान को व्यापक रूप से मान्यता नहीं मिली।

नेपाल पर्वतारोहण संघ ने उन्हें एक "ऐतिहासिक और महान व्यक्ति" के रूप में याद किया और कहा कि उनके निधन के साथ पर्वतारोहण के इतिहास का एक अध्याय का अंत हो गया।

नेपाल पर्वतारोहण संघ ने एक शोक संदेश में कहा, "नेपाली पर्यटन उद्योग इस ऐतिहासिक और महान व्यक्ति के निधन पर शोक व्यक्त करता है। उनके न रहने से एक अपूरणीय शून्य पैदा हुआ है।"

नेपाल पर्वतारोहण संघ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "हार्दिक संवेदना। नेपाली पर्यटन उद्योग आपको बहुत याद करेगा। ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दें।"

Point of View

बल्कि एक युग का अंत है। उनकी उपलब्धियों और योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। यह समय हमें यह याद दिलाने का है कि पर्वतारोहण के इतिहास में शेरपाओं की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण रही है।
NationPress
17/10/2025

Frequently Asked Questions

कांचा शेरपा का निधन कब हुआ?
कांचा शेरपा का निधन १७ अक्टूबर २०२३ को हुआ।
कांचा शेरपा ने कब माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी?
कांचा शेरपा ने २९ मई, १९५३ को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी।
कांचा शेरपा के परिवार में कौन-कौन हैं?
कांचा शेरपा के परिवार में दो बेटे, दो बेटियां और उनके बच्चे शामिल हैं।
उनके अंतिम संस्कार की तारीख क्या है?
उनका अंतिम संस्कार २० अक्टूबर को किया जाएगा।
नेपाल पर्वतारोहण संघ ने कांचा शेरपा के निधन पर क्या कहा?
नेपाल पर्वतारोहण संघ ने उन्हें 'ऐतिहासिक और महान व्यक्ति' बताया और उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।