क्या माउंट नन पर महिला टीम की सफल चढ़ाई ने नया इतिहास रच दिया?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं का सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- आईटीबीपी की पर्वतारोहण की परंपरा को नई ऊँचाई मिली।
- साहसी महिलाओं ने देश का नाम रोशन किया।
- कार्यक्रम में सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए।
- समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा मिली।
नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आईटीबीपी मुख्यालय में शनिवार को माउंट नन (लद्दाख) पर सफल चढ़ाई करने वाली महिला पर्वतारोहण टीम के लिए एक ध्वजारोहण समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर केंद्र सरकार के गृह सचिव गोविंद मोहन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह में आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी, अभियान की नेता और पर्वतारोहण में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने वाली हिमवीरांगनाएं शामिल रहीं।
आईटीबीपी के महानिदेशक राहुल रसगोत्रा ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने जानकारी दी कि 14 अगस्त 2025 को सहायक कमांडेंट भनिता के नेतृत्व में 14 महिला पर्वतारोहियों ने 7,135 मीटर ऊंचे माउंट नन पर चढ़ाई की।
यह उपलब्धि आईटीबीपी की पर्वतारोहण की परंपरा को नई ऊंचाई पर ले जाती है और महिलाओं के सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उपलब्धि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
मुख्य अतिथि गोविंद मोहन ने इन साहसी महिलाओं को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने उनकी हिम्मत, मेहनत और जज़्बे की सराहना की। मोहन ने कहा कि आईटीबीपी हमेशा पर्वतारोहण में अग्रणी रही है और गृह मंत्रालय ऐसे अभियानों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने आगे कहा कि यह महिलाओं की ताकत को प्रदर्शित करता है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगा। समारोह का समापन गोविंद मोहन के धन्यवाद भाषण से हुआ। इसके पश्चात अभियान दल के साथ एक यादगार ग्रुप फोटो ली गई और चाय-नाश्ते के दौरान सभी ने एक-दूसरे से विचारों का आदान-प्रदान किया। इस मौके पर आईटीबीपी की बहादुरी और दृढ़ता की चर्चा हुई।
यह कार्यक्रम न केवल आईटीबीपी में साहस की भावना को प्रोत्साहित करता है, बल्कि ऊंचाई वाले पर्वतों पर चढ़ाई के नए मानक भी स्थापित करता है। ये महिला पर्वतारोही अपनी मेहनत से देश का नाम रोशन कर रही हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल पेश कर रही हैं।