क्या मध्य प्रदेश में अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ? 3.44 करोड़ की नशीली दवा बरामद

सारांश
Key Takeaways
- एनसीबी ने मध्य प्रदेश में अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।
- 3.44 करोड़ की अल्प्राजोलम दवा बरामद की गई।
- दो आरोपी गिरफ्तार हुए, जो दवा निर्माण में विशेषज्ञ थे।
- गुप्त प्रयोगशाला में विभिन्न उपकरण भी जब्त किए गए।
- यह ऑपरेशन अवैध मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अल्प्राजोलम बनाने वाली एक गुप्त प्रयोगशाला का खुलासा किया है। इस कार्रवाई में एक इंजीनियर और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के एक पूर्व सहयोगी को गिरफ्तार करते हुए 3.44 करोड़ रुपए
शनिवार को एनसीबी ने एक ऑपरेशन के दौरान दो आरोपियों को पकड़ा। गिरफ्तार व्यक्तियों में रूप सिंह चौहान (51) हैं, जो इंदौर के श्री वैष्णव इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस से बीटेक स्नातक हैं, और अभिजीत सिंह चौहान (39 वर्ष), जो इंदौर के ऋषिराज कॉलेज ऑफ फार्मेसी के बीफार्मा स्नातक हैं। अभिजीत पहले रतलाम की इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़े थे।
संघीय एजेंसी की इंदौर क्षेत्रीय इकाई ने बताया कि उन्होंने सूचना मिलने के बाद, ग्राम-सेजावता, महू-नीमच रोड, रतलाम (मध्य प्रदेश) के पास संदिग्ध स्थान पर निरंतर निगरानी रखी और तस्करों की गतिविधियों पर नज़र रखी।
इस ऑपरेशन में 13.762 किलोग्राम अल्प्राजोलम दवा जब्त की गई, जिसकी अवैध बाजार में कीमत लगभग 3.44 करोड़ रुपए है।
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत विनियमित अल्प्राजोलम एक नियंत्रित प्रिस्क्रिप्शन दवा है जिसे अक्सर मनोरंजनात्मक दवा के रूप में दुरुपयोग किया जाता है। एक बयान में बताया गया है कि इसका उपयोग ताड़ी में मिलावट (तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में) और हेरोइन में मिलावट (राजस्थान, मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में) में भी किया जाता है, जिससे मुनाफा बढ़ता है।
एनसीबी ने बताया कि मादक पदार्थों के अलावा, उन्होंने गुप्त निर्माण प्रक्रिया में उपयोग होने वाले प्रयोगशाला उपकरण भी जब्त किए, जिनमें गोल तली वाले फ्लास्क, तेल के टब, कंडेनसर, स्टिरर और थर्मामीटर शामिल हैं। घटनास्थल से भारी मात्रा में प्रीकर्सर रसायन और सॉल्वैंट्स भी बरामद किए गए।
एनसीबी ने कहा कि आरोपी अभिजीत चौहान और रूप सिंह चौहान दवा और आयुर्वेदिक उत्पादों के कारोबार में साझेदार थे। बयान में कहा गया, "प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दोनों व्यक्तियों ने अपनी दवा संबंधी पृष्ठभूमि और सुविधाओं का उपयोग कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए एनडीपीएस अधिनियम के तहत एक मनोदैहिक पदार्थ अल्प्राजोलम के निर्माण के लिए किया।"
एनसीबी ने कहा कि उन्होंने जनवरी 2025 में अल्प्राजोलम के निर्माण के लिए महू-नीमच रोड (राज्य राजमार्ग-31) पर एक गोदाम किराए पर लिया था।