क्या एमयूडीए घोटाला मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई हुई है, जब्त की गईं 40 करोड़ रुपए की संपत्तियां?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने 40.08 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क कीं।
- पूर्व आयुक्त जीटी दिनेश कुमार का नाम सामने आया।
- 252 अवैध एमयूडीए साइटों को कुर्क किया गया।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत कदम उठाए जा रहे हैं।
- पीएमएलए के तहत कार्रवाई की गई है।
बेंगलुरु, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एमयूडीए घोटाला मामले में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 40.08 करोड़ रुपए के बाजार मूल्य की 34 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है, जिसमें एमयूडीए साइटें शामिल हैं।
ईडी ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा भूमि आवंटन में बड़े पैमाने पर हुए घोटाले की जांच लोकायुक्त पुलिस मैसूर द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की।
जांच में यह सामने आया कि जीटी दिनेश कुमार, जो पूर्व आयुक्त हैं, ने अनुचित रूप से रिश्वत प्राप्त की और इस धन का उपयोग अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के नाम पर संपत्तियां खरीदने के लिए किया। आगे की जांच में यह भी पाया गया कि जीटी दिनेश कुमार ने 31 एमयूडीए साइटों का अवैध आवंटन किया।
इस मामले में, ईडी ने 18 और 28 अक्टूबर 2024 को छापे मारे थे। तलाशी में पता चला कि साइटें 14 मार्च 2023 के पत्र, 27 अक्टूबर 2023 के सरकारी आदेश और 2015 में संशोधित कर्नाटक शहरी विकास प्राधिकरण के नियमों का उल्लंघन करते हुए आवंटित की गई थीं।
तलाशी से यह भी स्पष्ट हुआ कि एमयूडीए के अधिकारियों, कर्मचारियों और रियल एस्टेट कारोबारियों के बीच गहरी सांठगांठ थी। सबूतों से पता चला है कि मुआवजे के रूप में साइटों के आवंटन में नकद भुगतान किया गया।
इससे पहले, ईडी ने अवैध रूप से आवंटित कुल 252 एमयूडीए साइटों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। इसके अलावा, जीटी दिनेश कुमार को पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत 16 सितंबर 2025 को गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान में उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया है। इस मामले में अब तक पीएमएलए 2002 के तहत लगभग 440 करोड़ रुपए की कीमत वाली आपराधिक आय कुर्क की जा चुकी है।