क्या मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गाय को रोटी-गुड़ खिलाकर गौसेवा का महत्व बताया?

सारांश
Key Takeaways
- गौसेवा से आत्मिक संतोष और ऊर्जा मिलती है।
- प्राकृतिक आपदाओं में शासन की सक्रियता महत्वपूर्ण है।
- संस्कृत विकास पर चर्चा का आयोजन किया गया।
- राहत शिविरों में प्रभावितों की मदद की जा रही है।
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
रायपुर, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रविवार को चन्द्रग्रहण से पहले मुख्यमंत्री निवास पर गौमाता को रोटी और गुड़ खिलाया। इस मौके पर उन्होंने पूरे प्रदेश की सुख-समृद्धि, शांति और कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गौ-सेवा से उन्हें आत्मिक संतोष और नई ऊर्जा का अनुभव होता है।
विष्णुदेव साय ने रविवार को ब्राह्मण समाज में शिरकत की, जहां प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह एवं दंडी स्वामी महाराज उपस्थित रहे।
सीएम साय ने बताया कि सरयूपारीण ब्राह्मण सभा और छत्तीसगढ़ संस्कृत भारती द्वारा विराट संस्कृत विद्वत महासम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें संस्कृत को आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा हुई। इस महासम्मेलन का परिणाम निश्चित रूप से सार्थक होगा।
उन्होंने छत्तीसगढ़ में आई प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में कहा कि बस्तर क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे चार जिले बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर प्रभावित हुए। मुख्य रूप से बस्तर और दंतेवाड़ा जिले में नुकसान हुआ। मैंने स्वयं हवाई सर्वेक्षण किया और बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वे राहत शिविर भी गए थे। सरकार हर संभव मदद का प्रयास कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। अगर कच्चा मकान क्षतिग्रस्त हुआ है तो 1 लाख 20 हजार रुपए और पक्के मकान के लिए 1 लाख 30 हजार रुपए दिए जाएंगे। इस आपदा में पशुधन का भी नुकसान हुआ है, जिसकी भी क्षतिपूर्ति की जा रही है। सीएम साय ने राहत राशि देने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहनचरण मांझी और गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावन को धन्यवाद दिया।