क्या मुंबई एयरपोर्ट पर डीआरआई की कार्रवाई से सोने की तस्करी रुक पाएगी?

सारांश
Key Takeaways
- 1.2 किलोग्राम सोना जब्त किया गया है।
- डीआरआई ने ऑपरेशन गोल्डन स्वीप के तहत कार्रवाई की।
- सोने की कीमत लगभग 1.60 करोड़ रुपए है।
- तस्करी का नेटवर्क एयरपोर्ट के अंदरूनी कर्मचारियों द्वारा संचालित किया जा रहा था।
- डीआरआई की जांच अभी भी जारी है।
मुंबई, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सीमा शुल्क विभाग की खुफिया एजेंसी डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने सोने की तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। 'ऑपरेशन गोल्डन स्वीप' के तहत कार्रवाई करते हुए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 1.2 किलोग्राम सोना जब्त किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 1.60 करोड़ रुपए है।
डीआरआई की मुंबई जोनल यूनिट (एमजेडयू) को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ अंतरराष्ट्रीय यात्री और एयरपोर्ट के कर्मचारी मिलकर विदेशी सोने की तस्करी कर रहे हैं। सूचना के अनुसार, सोना विमान के अंदर छिपाया जाता था और इसके बाद एयरपोर्ट सर्विस स्टाफ द्वारा इसे बाहर लाया जाता था।
सूचना के आधार पर, डीआरआई अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर गुप्त निगरानी शुरू की। यात्रियों के उतरने के बाद, जब सफाई कर्मचारी विमान की सफाई कर रहे थे, तभी डीआरआई ने कुछ कर्मचारियों की तलाशी शुरू की।
इस दौरान, एक सफाईकर्मी घबराकर एयरोब्रिज की सीढ़ियों पर चढ़ गया और एक पैकेट को छिपाने का प्रयास किया। डीआरआई टीम ने तत्परता से उस स्थान की तलाशी ली जहाँ सोने का पाउडर छिपा हुआ था, जो सफेद कपड़े में लिपटा था।
जांच में पता चला कि यह काम एयरपोर्ट की एक सेवा कंपनी के क्लीनिंग स्टाफ के टीम लीडर ने किया था। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने तलाशी से बचने के लिए सोना छिपाया था। उसने यह भी बताया कि उसके सुपरवाइजर ने उसे पैकेट सौंपा था।
डीआरआई ने उसके सुपरवाइजर को भी गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को कस्टम्स एक्ट 1962 के तहत हिरासत में लिया गया है।
जांच में यह भी सामने आया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आने वाले यात्री विमान में विदेशी सोना छिपाकर छोड़ देते थे। बाद में, एयरपोर्ट के विश्वसनीय कर्मचारी सोना बाहर लाने की जिम्मेदारी लेते थे।
डीआरआई अधिकारियों ने कहा कि यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि एयरपोर्ट के अंदरूनी कर्मचारियों की मिलीभगत से सोने की तस्करी कितनी संगठित है। यह न केवल एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
डीआरआई ने कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है।