क्या मुंबई क्राइम ब्रांच ने दाऊद नेटवर्क से जुड़े 256 करोड़ के ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया?

सारांश
Key Takeaways
- दाऊद नेटवर्क का बड़ा ड्रग रैकेट उजागर हुआ है।
- मुंबई क्राइम ब्रांच ने 256 करोड़ रुपये का माल जब्त किया।
- कुख्यात तस्कर मोहम्मद सलीम सुहेल शेख की गिरफ्तारी हुई।
- 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
- यह कार्रवाई ड्रग्स के खिलाफ सख्त नीति का हिस्सा है।
मुंबई, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई क्राइम ब्रांच ने ड्रग्स के एक विशाल तस्करी नेटवर्क का खुलासा करते हुए कुख्यात तस्कर सलीम डोला के करीबी सहयोगी मोहम्मद सलीम सुहेल शेख को दुबई से गिरफ्तार कर भारत वापस लाया है।
यह नेटवर्क महाराष्ट्र के सांगली जिले में स्थित मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग फैक्ट्री से जुड़ा था, जिसका संबंध दुबई तक फैला हुआ था। इस कार्रवाई में पुलिस ने 256 करोड़ रुपये से अधिक का माल जब्त किया और 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के अनुसार, 16 फरवरी 2024 को क्राइम ब्रांच की यूनिट-7 को पता चला कि कुर्ला में एक महिला ड्रग्स की तस्करी कर रही है। इसके बाद परवीन बानो गुलाम शेख को 641 ग्राम मेफेड्रोन (जिसकी कीमत 12.20 लाख रुपये) और 12 लाख नकद के साथ गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में परवीन ने बताया कि उसने यह ड्रग सलीम शेख और सलीम डोला के नेटवर्क के माध्यम से मुंबई के साजिद मोहम्मद आसिफ शेख उर्फ डैब्ज से खरीदी थी।
पुलिस ने साजिद को मिरा रोड से गिरफ्तार कर उसके पास से 3 किलो मेफेड्रोन (जिसकी कीमत 6 करोड़ रुपये) और 3.68 लाख नकद बरामद किए।
जांच में यह सामने आया कि सलीम शेख दुबई से भारत में ड्रग्स का नेटवर्क चला रहा था। इसका कनेक्शन सांगली में चल रही मेफेड्रोन फैक्ट्री से था। 25 मार्च 2024 को क्राइम ब्रांच ने सांगली में छापा मारकर 122.5 किलो मेफेड्रोन (जिसकी कीमत 245 करोड़ रुपये), कच्चा माल, मशीनें, वाहन और 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस को संदेह है कि इस फैक्ट्री के लिए कच्चा माल यूएई की एक केमिकल कंपनी से मंगवाया जाता था।
अब तक इस मामले में 15 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें एक महिला भी शामिल है। जब्त की गई सामग्री में 126 किलो मेफेड्रोन (252 करोड़ रुपये), 4.19 करोड़ नकद, 1.5 लाख के सोने के गहने, 11.4 लाख की गाड़ियों और 55.5 लाख की अवैध संपत्ति शामिल है।
मोहम्मद सलीम सुहेल शेख के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी था। कुछ हफ्ते पहले उसे यूएई में गिरफ्तार किया गया और कानूनी प्रक्रिया के बाद भारत लाया गया। 22 अक्टूबर 2025 को मुंबई क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां उसे 30 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई ड्रग्स की तस्करी के खिलाफ उनकी सख्त नीति का हिस्सा है।