क्या मुंबई लोकल में भीड़ कम करने के लिए ऑफिस टाइम बदलने पर विचार किया जा रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय आवश्यक हैं।
- ऑफिस टाइमिंग में बदलाव से सुरक्षा में सुधार हो सकता है।
- राज्य सरकार ने वैकल्पिक परिवहन साधनों को मजबूत करने का निर्णय लिया है।
- अवैध टैक्सियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
- सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए लचीलापन प्रदान किया जा सकता है।
मुंबई, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई की प्रमुख लोकल ट्रेनों में बढ़ती भीड़ और हादसों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने 800 कार्यालयों को पत्र भेजकर समय में बदलाव करने पर विचार करने को कहा है। इस संदर्भ में महाराष्ट्र सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने गुरुवार को बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार कार्यालयों के समय में बदलाव पर गंभीरता से विचार कर रही है।
सरनाईक ने कहा कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में पीक ऑवर्स यानी सुबह 8 से 10 बजे और शाम को 6 से 8 बजे के बीच अत्यधिक भीड़ देखी जाती है। इससे यात्रा जोखिम भरी होती जा रही है। स्थिति को देखते हुए सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में कार्यालय समय में आधे से एक घंटे तक का लचीलापन दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 5 जून को हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण रेल दुर्घटना में चार लोगों की जान चली गई थी और कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों को बेहतर इलाज के लिए सांसद श्रीकांत शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल से निजी अस्पताल 'जुपिटर' में स्थानांतरित कराया था।
सरनाईक ने कहा कि यदि ऑफिस टाइमिंग में बदलाव किया जाए, तो रेलवे पर आने वाले दबाव को कम किया जा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि किसी दफ्तर की ड्यूटी सुबह 10 बजे शुरू होती है, तो उसे 10 से 5 या 11 से 6 करने की सुविधा दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर एक घंटा अतिरिक्त काम करना पड़े, तो भीड़ से राहत और यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह कदम जरूरी है। राज्य सरकार इस दिशा में जल्द नीति बना सकती है।
रेलवे पर निर्भरता कम करने के लिए राज्य सरकार ने बस, टैक्सी और अन्य वैकल्पिक परिवहन साधनों को भी मजबूत करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि यात्री सिर्फ रेलवे पर निर्भर न रहें। अन्य सुविधाएं भी उनके लिए सुलभ और सुरक्षित हों।
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने अवैध रूप से चल रही ओला और उबर टैक्सियों पर कड़ी कार्रवाई की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि अब तक 72 गाड़ियों को जब्त किया गया है और 138 स्थानों पर छापेमारी की गई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी वाहन राज्य सरकार की अनुमति के बिना चल रहा है, तो उसे अवैध माना जाएगा और उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से निरीक्षण और कार्रवाई कर रहे हैं। सभी वाहनों को राज्य सरकार की वैध अनुमति लेना अनिवार्य होगा, वरना उन्हें कानून के तहत दंडित किया जाएगा।
सरनाईक ने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि निजी कंपनियों से भी आग्रह करेगी कि वे भी अपने कर्मचारियों को समय में लचीलापन दें, ताकि ट्रेनों में एक ही समय पर भीड़ न हो। उन्होंने इसे एक सामाजिक जिम्मेदारी करार दिया।