क्या मुंबई क्राइम ब्रांच ने फर्जी नौकरी रैकेट का पर्दाफाश किया? दो आरोपी गिरफ्तार

सारांश
Key Takeaways
- फर्जी नौकरी रैकेट से सावधान रहें।
- सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी की जाती है।
- पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
- इस रैकेट ने कई बेरोजगार युवाओं को प्रभावित किया है।
- सतर्कता बरतने का समय है।
मुंबई, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 6 ने एक फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने 18 लोगों को रेलवे, आयकर विभाग और राज्य मंत्रालय में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी की।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विशाल कांबले (38) और साहिल गायकवाड़ (20) के रूप में हुई है। दोनों मुंबई के चेंबूर इलाके के माहुल गांव के निवासी हैं।
पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 8 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
आरोपियों ने खुद को पुलिस कांस्टेबल और एक राजनेता का अंगरक्षक बताकर लोगों को ठगा। उन्होंने नौकरी के लिए अलग-अलग दरें तय की थीं। आयकर विभाग की नौकरी के लिए 17 लाख रुपए, रेलवे की नौकरी के लिए 10 लाख रुपए और मंत्रालय में नौकरी के लिए अन्य राशियां निर्धारित की गई थीं।
क्राइम ब्रांच को शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की गई। छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए, जिनमें विशाल कांबले की राजनेता आदित्य ठाकरे के साथ फोटोकॉपी तस्वीर, मुंबई आयकर आयुक्त के नाम की मुहर वाले जाली दस्तावेज, रोशन लाजरस के नाम की एक सूची और आयकर उपायुक्त, मुंबई की मुहर लगे फर्जी कागजात शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, आरोपी इन जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल लोगों को भरोसा दिलाने के लिए करते थे। इस रैकेट ने कई बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाया और उनसे लाखों रुपए ठगे।
क्राइम ब्रांच अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस रैकेट में कौन-कौन शामिल हो सकता है और कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस कार्रवाई को अपनी सतर्कता और अपराध के खिलाफ कठोर रवैये का परिणाम बताया। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी फर्जी नौकरी के ऑफर से सावधान रहें।