क्या मुंबई में 1993 दंगों के मामले में 32 साल से फरार आरोपी को गिरफ्तार किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- आरिफ अली हशमुल्ला खान की गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण सफलता है।
- यह गिरफ्तारी मुंबई पुलिस की कुशलता को दर्शाती है।
- 32 वर्षों बाद आरोपी को पकड़ना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।
- पुलिस ने विशेष अभियान के तहत कार्रवाई की।
- इस मामले में आगे की जांच जारी है।
मुंबई, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई पुलिस ने 1993 के सांप्रदायिक दंगों के एक प्रमुख मामले में पिछले 32 वर्षों से फरार चल रहे आरोपी को अंततः गिरफ्तार कर लिया है।
वडाला पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने आरोपी की पहचान आरिफ अली हशमुल्ला खान (54) के रूप में की है। यह गिरफ्तारी मुंबई पुलिस आयुक्त के आदेश पर चलाए जा रहे वांछित और फरार आरोपियों की खोज अभियान के तहत की गई है।
1993 में मुंबई में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान आरिफ अली हशमुल्ला खान के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। इनमें हत्या का प्रयास, गैरकानूनी रूप से एकत्र होना और अन्य अपराधों से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे। दंगों के बाद खान फरार हो गया था और स्थानीय अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में लंबे समय से कोई सुराग नहीं मिल रहा था। हालाँकि, हाल ही में मुंबई पुलिस ने फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान प्रारंभ किया। इस अभियान के तहत एक पुलिस टीम उत्तर प्रदेश गई, जहां आरोपी खान के छिपे होने की संभावना थी। वहां मिले सुरागों और एक विशेष सूचना के आधार पर पुलिस ने मुंबई के वडाला क्षेत्र में स्थित दिन बंधूनगर अन्टॉप हिल से हशमुल्ला खान को गिरफ्तार कर लिया।
यह गिरफ्तारी सटीक खुफिया जानकारी और पुलिस की त्वरित कार्रवाई का परिणाम है। हशमुल्ला खान को गिरफ्तार करने के बाद उसे स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इस गिरफ्तारी को मुंबई पुलिस की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। वहीं मुंबई पुलिस आयुक्त ने सभी थानों को निर्देश दिए हैं कि पुरानी और गंभीर मामलों में फरार चल रहे आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। पुलिस अब इस मामले में आगे की जांच कर रही है ताकि अन्य संलिप्त व्यक्तियों का भी पता लगाया जा सके।