क्या मुंबई में 2.29 करोड़ की सोने की डकैती का पर्दाफाश हुआ?

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क्या मुंबई में 2.29 करोड़ की सोने की डकैती का पर्दाफाश हुआ?

सारांश

मुंबई पुलिस ने एक बड़ी डकैती मामले का पर्दाफाश करते हुए 2.29 करोड़ रुपए के सोने के आभूषण बरामद किए हैं। यह डकैती एक ज्वैलरी कंपनी के कर्मचारी और उसके रिश्तेदारों द्वारा मिलकर की गई थी। जानिए इस मामले की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • मुंबई पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई की है।
  • डकैती फर्जी थी और योजना बनाई गई थी।
  • आर्थिक तंगी के कारण अपराधियों ने यह कदम उठाया।
  • सीसीटीवी फुटेज ने जांच में मदद की।
  • पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और मामले को सुलझाया।

मुंबई, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई पुलिस ने एक दिनदहाड़े डकैती के मामले को सफलतापूर्वक सुलझाते हुए 2.29 करोड़ रुपए मूल्य के सोने के आभूषण बरामद किए हैं। यह डकैती सेवरी क्षेत्र में घटित हुई थी, जिसे एक ज्वैलरी कंपनी का कर्मचारी और उसके राजस्थान के रिश्तेदारों ने मिलकर अंजाम दिया।

पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और चोरी का सारा सामान बरामद कर लिया है। रफी अहमद किदवई (आरएके) मार्ग पुलिस के अनुसार घटना 13 अक्टूबर की दोपहर लगभग ढाई बजे हुई। मास्टर चेन एंड ज्वेल्स के डिलीवरी एजेंट श्यामलभाई होथीभाई रबारी (31) और उनके सहयोगी जगदीश केराभाई आल, क्वालिटी एसे एंड हॉलमार्क एलएलपी से 2,067.143 ग्राम सोने के आभूषण लेकर कालाचौकी स्थित कंपनी के कारखाने जा रहे थे। सेवरी कोर्ट के पास जकारिया बंदर रोड पर दो मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने उनकी बाइक में टक्कर मारी। एक बदमाश ने पिस्तौल दिखाकर धमकाया और 2.29 करोड़ रुपए मूल्य का सोना लूटकर भाग गया।

घटना की सूचना मिलते ही श्यामलभाई ने अपने नियोक्ता राज कोठारी को बताया, जिन्होंने आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस उपायुक्त रागसुधा आर (जोन 4) के निर्देश पर वरिष्ठ निरीक्षक विनोद तावड़े ने आठ पुलिस टीमें गठित कीं।

सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों की जांच से श्यामलभाई की कहानी पर संदेह हुआ। गहन जांच में पता चला कि श्यामलभाई ने अपने सहयोगी जगदीश और राजस्थान के दो रिश्तेदारों, भानाराम भगराज रबारी (21) और लीलाराम नागजी देवासी (21) के साथ मिलकर इस फर्जी डकैती की साजिश रची थी।

पुलिस ने डिजिटल सुरागों के आधार पर भानाराम और लीलाराम को गुजरात के अहमदाबाद के ओधव गांव से पकड़ा, जब वे राजस्थान के जालोर जिले में अपने गांव भागने की कोशिश कर रहे थे।

पुलिस ने चारों आरोपियों से चोरी का पूरा सोना और उनके मोबाइल फोन बरामद किए। जांच में सामने आया कि श्यामलभाई पिछले छह-सात सालों से कंपनी में कार्यरत थे और कंपनी की प्रक्रियाओं से भलीभांति परिचित थे। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने यह साजिश रची। आभूषण 11 अक्टूबर को हॉलमार्किंग के लिए दिए गए थे और 13 अक्टूबर को इन्हें लेने के बाद श्यामलभाई और जगदीश ने नकली डकैती का नाटक किया।

पुलिस ने कुछ ही दिनों में मामले को सुलझा लिया, लेकिन अन्य संभावित अपराधों की जांच जारी है।

Point of View

बल्कि यह भी बताता है कि आर्थिक तंगी किस हद तक लोगों को गलत रास्ते पर ले जा सकती है। हमें इस घटना से सीखने की आवश्यकता है कि किसी भी परिस्थिति में नैतिकता को नहीं छोड़ना चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

यह डकैती कब हुई?
यह डकैती 13 अक्टूबर को हुई थी।
डकैती का मुख्य आरोपी कौन है?
मुख्य आरोपी श्यामलभाई होथीभाई रबारी है।
पुलिस ने कितने लोगों को गिरफ्तार किया?
पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
चोरी का सोना कितना था?
चोरी का सोना 2.29 करोड़ रुपए का था।
पुलिस ने कैसे मामला सुलझाया?
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों की जांच करके मामला सुलझाया।
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