क्या मुंबई में मंत्रालय के बाहर बुजुर्ग ने आत्मदाह की कोशिश की?

सारांश
Key Takeaways
- प्रशासनिक लापरवाही का एक और उदाहरण।
- नागरिकों की शिकायतें अनसुनी नहीं होनी चाहिए।
- आवाज उठाने का महत्त्व।
- स्थानीय समस्याओं का समाधान आवश्यक है।
- पुलिस की कार्रवाई और जांच जारी है।
मुंबई, ३० सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई के मंत्रालय के मुख्य द्वार पर मंगलवार को एक ७० वर्षीय बुजुर्ग ने आत्मदाह करने का प्रयास किया, जिसे वहाँ तैनात पुलिस सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते रोक लिया।
नवी मुंबई के निवासी प्रेम बजाज ने मंत्रालय के गेट पर पहुँचकर अपने शरीर पर केरोसिन डालकर खुद को आग लगाने का प्रयास किया। हालाँकि, सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई की और प्रेम बजाज को रोका। इसके बाद उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी, और सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन मौके पर पहुँचा और प्रेम बजाज को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ कि प्रेम बजाज अपने आवास के नजदीक स्थित फ़ैक्ट्रियों के निरंतर शोर से अति परेशान थे। ये फ़ैक्ट्रियाँ चौबीसों घंटे चलती हैं, जिससे आसपास के निवासियों का जीना कठिन हो गया है। बजाज ने नवी मुंबई नगर निगम और अन्य स्थानीय अधिकारियों से इस समस्या पर बार-बार शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
अधिकारियों के पास बार-बार जाने और ध्यान न दिए जाने से तंग आकर उन्होंने मंत्रालय के सामने आत्महत्या करने का प्रयास किया। घटना की सूचना मिलने पर बजाज के परिजन मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन पहुँचे। पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें नोटिस जारी कर रिहा कर दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच जारी है और संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है। इस घटना ने न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि आम नागरिकों की अनसुनी शिकायतों और उनकी बढ़ती निराशा को भी सामने लाया है।
स्थानीय निवासियों ने इस घटना पर चिंता प्रकट करते हुए प्रशासन से मांग की है कि फ़ैक्ट्रियों से होने वाले शोर पर नियंत्रण के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। पुलिस ने कहा कि वे मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।