क्या मुंबई में छगन भुजबल की अगुवाई में ओबीसी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है?

Click to start listening
क्या मुंबई में छगन भुजबल की अगुवाई में ओबीसी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है?

सारांश

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सियासी हलचल तेज है। मुंबई में ओबीसी नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक चल रही है, जिसमें छगन भुजबल की अगुवाई में आरक्षण के मुद्दे पर विचार किया जा रहा है। क्या यह बैठक ओबीसी के लिए महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है?

Key Takeaways

  • ओबीसी नेताओं की एकता महत्वपूर्ण है।
  • छगन भुजबल का नेतृत्व बैठक में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  • सरकार के सामने सख्त रुख अपनाने की योजना है।
  • मराठा आरक्षण के खिलाफ ओबीसी का विरोध बढ़ रहा है।
  • बैठक के बाद छगन भुजबल का मीडिया में स्पष्टीकरण होगा।

मुंबई, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर सियासी माहौल गर्म है। इसी बीच, मुंबई में ओबीसी नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अगुवाई मंत्री छगन भुजबल कर रहे हैं।

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य मराठा समुदाय को 'सर्वसमावेशक कुणबी' का दर्जा देकर ओबीसी आरक्षण देने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध करना है।

बैठक में यह रणनीति बनाई जा रही है कि किस प्रकार सरकार के सामने इस प्रस्ताव के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाया जाए।

सूत्रों के अनुसार, ओबीसी नेता छगन भुजबल से यह मांग करेंगे कि राज्य सरकार को इस मामले में ठोस और स्पष्ट निर्णय लेना चाहिए। इसके अलावा, सोमवारमराठा आरक्षण की वर्तमान मांगों, विशेषकर मनोज जरांगे पाटिल की मांगों का विरोध करने की सिफारिश करेंगे।

बैठक के बाद, छगन भुजबल मीडिया के सामने अपनी भूमिका और दृष्टिकोण स्पष्ट करेंगे।

इस बैठक में पूर्व सांसद समीर भुजबल, विधायक पंकज भुजबल, लक्ष्मण हाके, प्रकाश शेंडगे, लक्ष्मण गायकवाड, स्नेहा सोनटक्के, सत्संग मुंढे, धनराज गुट्टे, दौलत शितोले, नवनाथ वाघमारे जैसे प्रमुख ओबीसी नेता शामिल हैं।

वहीं, दूसरी ओर, मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल और मंत्री नितेश राणे के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। आजाद मैदान में अनशन पर बैठे जरांगे पाटिल ने राणे को लेकर तीखी टिप्पणियां की हैं।

इसके जवाब में, नितेश राणे ने कहा, "जब अबू आजमी या एआईएमआईएम के नेता मनोज जरांगे पाटिल से मिलने आते हैं, तो कोई आपत्ति नहीं होती। लेकिन मुझे गालियां दी जाती हैं क्योंकि मैं हिंदुत्व के लिए काम करता हूं और जिहाद के खिलाफ लड़ता हूं। एआईएमआईएम का इतिहास सबको पता है, फिर भी उनका समर्थन किया जाता है, जबकि मुझे निशाना बनाया जाता है।"

आंदोलनकारी रामेश्वर पाटिल ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "हमारे बच्चों के लिए आरक्षण की सख्त जरूरत है। इसके लिए हम यहां आए हैं। जब तक आरक्षण नहीं मिलेगा, तब तक हम यहीं रहेंगे।"

दूसरे आंदोलनकारी किरण पिंपड़े ने कहा, "मैं यहां आजाद मैदान में आरक्षण के लिए आया हुआ हूं। जब तक आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक हम यहीं रहने वाले हैं। हमारी सिर्फ एक ही मांग है, वह है आरक्षण।"

एक अन्य आंदोलकारी अमृत भोसले ने कहा, "हम यहां मनोज जरांगे के समर्थन में आए हुए हैं, हमें आरक्षण चाहिए। जब तक नहीं मिलता, तब तक हम यहीं रहेंगे।"

--आईएएनेस

वीकेयू/केआर

Point of View

यह स्पष्ट है कि ओबीसी नेताओं की एकजुटता और सरकार के सामने उनके सख्त रुख का महत्व है। इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा और समझौता आवश्यक है, ताकि सभी समुदायों की आवाज सुनी जाए।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

महाराष्ट्र में ओबीसी नेताओं की बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
बैठक का मुख्य उद्देश्य मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण देने के प्रस्ताव का विरोध करना है।
छगन भुजबल की भूमिका इस बैठक में क्या है?
छगन भुजबल बैठक की अगुवाई कर रहे हैं और ओबीसी नेताओं के रुख का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
बैठक में कौन-कौन से प्रमुख नेता शामिल हैं?
बैठक में पूर्व सांसद समीर भुजबल, विधायक पंकज भुजबल, और अन्य कई प्रमुख ओबीसी नेता शामिल हैं।
मराठा आरक्षण आंदोलन में क्या चल रहा है?
मनोज जरांगे पाटिल और नितेश राणे के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
क्या ओबीसी नेताओं का विरोध सफल होगा?
यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन बैठक में ओबीसी नेताओं की एकजुटता महत्वपूर्ण है।