क्या यूपी में नहर व्यवस्था सुधार के लिए मुख्यमंत्री ने 95 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने 95 नई नहर परियोजनाओं को मंजूरी दी।
- इन परियोजनाओं की कुल लागत 39453.39 लाख रुपए है।
- 36 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता पुनर्स्थापित होगी।
- लगभग 9 लाख किसानों को सीधा लाभ होगा।
- जल प्रबंधन और कृषि उत्पादन में वृद्धि का लक्ष्य।
लखनऊ, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की गहन समीक्षा बैठक में नहर व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने के लिए 95 नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी।
उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं प्रदेश के कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने और किसानों को समय पर सिंचाई उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएंगी। इन परियोजनाओं की कुल लागत 39453.39 लाख रुपए है, और इनके पूरा होने पर 36 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की क्षमता पुनर्स्थापित होगी, जिससे लगभग 9 लाख किसान और ग्रामीण आबादी को सीधा लाभ होगा। साथ ही, 273 हेक्टेयर विभागीय राजकीय भूमि की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी स्वीकृत कार्यों को समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए और गुणवत्ता पर किसी भी स्थिति में समझौता न किया जाए। बैठक में बताया गया कि नहर पुनर्स्थापना से संबंधित इन 95 परियोजनाओं में नहर प्रणाली के गैप्स में नहर निर्माण, हेड रेगुलेटर, क्रॉस रेगुलेटर, साइफन, फॉल, और अन्य पक्की संरचनाओं का निर्माण शामिल है। नहरों के आंतरिक और बाह्य सेक्शन में सुधार, फिलिंग रीच में लाइनिंग कार्य, क्षतिग्रस्त कुलाबों का पुनर्निर्माण, नहरों पर पुल-पुलियों का निर्माण एवं मरम्मत तथा नहर पटरियों पर खड़ंजा निर्माण भी परियोजनाओं में शामिल हैं। निरीक्षण भवनों, कार्यालय भवनों और नहरों पर निर्मित पनचक्कियों के जीर्णोद्धार के साथ ही विभागीय भूमि की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल का निर्माण भी प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन से सिंचाई नेटवर्क की क्षमता बढ़ेगी और विभिन्न क्षेत्रों में जल उपलब्धता सुचारू होगी, विशेषकर पूर्वांचल, तराई, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को इससे बड़ा लाभ मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य केवल निर्माण नहीं, बल्कि जल प्रबंधन की दक्षता, किसान हित, कृषि उत्पादन वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का कोई भी किसान सिंचाई की कमी के कारण अपनी फसल को प्रभावित न होने पाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने विभाग को अनुपयोगी पड़ी भूमि के सर्वेक्षण और उसके सदुपयोग हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय भूमि का सुविचारित उपयोग विभाग की आय संवर्द्धन में सहायक होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रबंधन से जुड़े कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि आगामी वर्ष की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां जनवरी माह से प्रारंभ कर दी जाएं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन से विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए ताकि समय रहते आगे की कार्यवाही सुनिश्चित हो सके।